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    Mantras chanting for best result: सर्वोत्तम फल पाने के लिए कैसे करें मंत्रों का जाप

    हिंदू धर्म में पूजा पाठ के दौरान कई तरह के कर्मकांड होते हैं। उसमें एक महत्वपूर्ण कार्य है मंत्रों का जाप करना। सबसे जरूरी है इस बात का ध्यान रखना की मंत्रों का जाप सही तरीके से किया जाए।

    By Jagran NewsEdited By: Sonu GuptaUpdated: Tue, 10 Jan 2023 07:02 AM (IST)
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    सर्वोत्तम फल पाने के लिए कैसे करें मंत्रों का जाप।

    नई दिल्ली, Mantras chanting for best result: पूजा का शुभ फल पाने के लिए ज्योतिषी कई बार मंत्रों के जाप करने के लिए कहते हैं। हिंदू धर्म में मंत्रों का अत्यधिक महत्व माना जाता है। ऐसा विश्वास किया जाता है, की मंत्रों के जाप से हम हर प्रकार की सिद्धि प्राप्त कर सकते हैं। और ईश्वर को प्रसन्न कर सकते हैं। पंडित रामजी बाजपेई का कहना है, कि अगर हम मंत्रों का सर्वोत्तम फल प्राप्त करना चाहते हैं, तो उनका जाप सही तरीके से करना चाहिए। आइए जाने क्या है सही मंत्र जाप की विधि।

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    सही माला का करना चाहिए प्रयोग

    कई बार मंत्रों का जाप करने के लिए माला का प्रयोग किया जाता है। इससे बिना किसी व्यवधान के सही संख्या में मंत्रों का जाप करना आसान हो जाता है। सच्चे मन से माला लेकर मंत्र जाप करने से मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। ऐसे में जरूरी है कि हम जिस उद्देश्य के लिए मंत्र जाप कर रहे हैं, उसमें किस तरह की माला का प्रयोग किया जाए इस पर विशेष ध्यान रखना चाहिए। जिन लोगों को स्वास्थ्य संबंधी समस्या के चलते गायत्री मंत्र, मां पार्वती, शिवजी, गणेश जी या कार्तिकेय के मंत्रों का जाप करने की सलाह दी जाए। उन्हें रुद्राक्ष की माला का प्रयोग करना चाहिए। जबकि शत्रु के नाश के लिए लाल चंदन की माला से, मां दुर्गा के बीज मंत्रों का जाप करना श्रेष्ठ होता है। सुख शांति के लिए स्फटिक की माला श्री मंत्र जाप करना चाहिए। जबकि धन-संपत्ति की परेशानी को दूर करने के लिए, कमलगट्टे की माला से धन की देवी लक्ष्मी के मंत्रों का जाप करने से फायदा होता है।

    ऐसे जाप करने से मिलता है सर्वश्रेष्ठ फल

    पंडित जी ने बताया कि वैसे तो मंत्रों का जाप करने के लिए मन की शुद्धता और ईश्वर में आस्था ही पर्याप्त होती है। फिर भी कुछ बातों को ध्यान रखें तो और भी अच्छा रहेगा। मंत्रों का जाप करने वाले 3 तरह से यह कार्य कर सकते हैं। वाचिक जाप यानी जोर-जोर से मुंह से बोलते हुए मंत्रों का जाप करना। दूसरा है मन में मंत्र का जाप करना जिससे किसी दूसरे को आपकी आवाज ना सुनाई दे। इसे मानसिक जाप कहते हैं। तीसरा तरीका है अपांशु जाप करना। जिसमें आप धीमे स्वर में बुदबुदाते हुए मन ही मन मंत्रों का जाप करते हैं। तीनों ही तरीकों में कोई गलत नहीं है, लेकिन यदि आप सर्वश्रेष्ठ फल की कामना से मंत्रों का जाप कर रहे हैं। तो मानसिक जाप करना सबसे सही तरीका है।

    डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।