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लाम डल झील में स्नान करने पहुंच रहे श्रद्धालु

धौलाधार पहाड़ियों के आंचल में बनी लाम डल झील में शिव का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं का पहुंचना शुरू हो गया है। नड्डी से करीब 20 किमी दूर धौलाधार पर्वत पर 3

By Edited By: Published: Thu, 21 Aug 2014 11:31 AM (IST)Updated: Thu, 21 Aug 2014 02:57 PM (IST)

धर्मशाला, जागरण संवाददाता। धौलाधार पहाड़ियों के आंचल में बनी लाम डल झील में शिव का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं का पहुंचना शुरू हो गया है। नड्डी से करीब 20 किमी दूर धौलाधार पर्वत पर 3900 मीटर उंचाई पर स्थित इस झील में जन्माष्टमी से राधा अष्टमी तक स्नान कर शिव की कृपा प्राप्त की जाती है।

सात बार लाम डल में स्नान करने वाले एडवोकेट रणधीर सिंह राणा और राहुल सिंह राणा का कहना है कि धर्मशाला से करेरी से करीब 20 किलोमीटर दुर्गम रास्ते को पाकर इस झील में पहुंचा जाता है। वहीं, झील में स्नान करने के बाद शिव की पूजा कर मनोकामना और मोक्ष प्राप्ति की प्रार्थना की जाता है। उन्होंने बताया कि यह झील समुद्रतल से करीब 3900 मीटर की उंचाई पर बनी है। इस डल के आसपास धौलाधार के आंचल में नौ झील और हैं। यहां जन्माष्टमी में भी काफी लोगों ने स्नान किया था, जबकि यहां दो सितंबर राधा अष्टमी तक स्नान करने का सिलसिला जारी रहेगा।

शिव की आस्था..

धौलाधार के आंचल में बनी लाम डल झील, जिसे शिव की निवास स्थली भी मना जाता है। झील तक पहुंचने के लिए करीब 20 किलोमीटर पैदल दुर्गम रास्ते का सफर करना पड़ता है। मणिमेहश की तर्ज पर इस झील में भी जन्माष्टमी से लेकर राधाष्टमी तक स्नान किया जा सकता है। झील में स्नान करने के बाद शिव मंदिर में पूजा कर मनोकामना और मोक्ष प्राप्ति की प्रार्थना की जाती है।

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