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26 किलोमीटर की हुई मणिमहेश यात्रा

आमतौर पर मणिमहेश की यात्रा को 13 किलोमीटर की पैदल चढ़ाई के साथ जोड़ा जाता है। लेकिन इस बार यात्रा का दायरा बढ़कर 26 किलोमीटर का हो चुका है। श्रद्धालुओं को भरमौर से हड़सर और हड़सर से मणिमहेश झील तक पैदल ही सफर करना पड़ रहा है। दरअसल, भरमौर में शनिवार रात को लगे जा

By Edited By: Published: Tue, 19 Aug 2014 02:16 PM (IST)Updated: Tue, 19 Aug 2014 02:42 PM (IST)

चंबा [हिमाचल प्रदेश], जागरण संवाददाता। आमतौर पर मणिमहेश की यात्रा को 13 किलोमीटर की पैदल चढ़ाई के साथ जोड़ा जाता है। लेकिन इस बार यात्रा का दायरा बढ़कर 26 किलोमीटर का हो चुका है। श्रद्धालुओं को भरमौर से हड़सर और हड़सर से मणिमहेश झील तक पैदल ही सफर करना पड़ रहा है।

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दरअसल, भरमौर में शनिवार रात को लगे जाम की वजह से परेशान प्रशासन ने भरमौर में गाड़ियों की आवाजाही को एक तरफ से रोका है। हालांकि यह व्यवस्था यातायात नियंत्रण के मकसद से की गई है। लेकिन व्यवस्था बनाते समय प्रशासन ने इस बात पर गौर नहीं किया कि यदि एक तरफ से वाहन नहीं जाएंगे तो दूसरी तरफ से कैसे वापस आ पाएंगे।

ऐसे में अब मणिमहेश जाने वाले ज्यादातर श्रद्धालुओं को भरमौर से हड़सर तक करीब 13 किलोमीटर लंबे मार्ग पर भी पैदल ही चलना पड़ रहा है। जबकि दूसरी तरफ से भी कोई वाहन न मिल पाने की वजह से स्नान के बाद वापस लौट रहे श्रद्धालु इस मार्ग पर पैदल चल रहे हैं। यानि इस बार मणिमहेश यात्रा शुरूआत में ही 13 से बढ़कर 26 किलोमीटर की हो गई है।

उधर, जाम की समस्या से निपटने में जुटी भरमौर पुलिस को कोई कामयाबी न मिल पाने और भरमौर में घंटों तक लोगों के जाम में फंसे रहने के बाद जिला भर से पुलिस जवानों को भरमौर में ड्यूटी पर तैनात कर दिया गया है। लेकिन, निजी वाहनों की भरमार सड़कों पर चारों तरफ नजर आ रही है।

यातायात व्यवस्था सुधारने के दिए हैं कड़े निर्देश: उपायुक्त

उपायुक्त एम सुधा देवी का कहना है कि भरमौर में यातायात व्यवस्था को सुधारने के कड़े निर्देश जारी किए गए हैं। पुलिस के आलाधिकारियों को भरमौर में ही तैनात कर दिया गया है। ताकि वहां पुलिस सुरक्षा व यातायात नियंत्रण में अहम भूमिका अदा कर सके। भविष्य में भरमौर-हड़सर के बीच यात्रा में छूट पर भी विचार किया जा सकता है।

मालवाहक में यात्रा पर लगे प्रतिबंध

चंबा, संवाद सहयोगी। मणिमहेश यात्रियों द्वारा काफी अधिक संख्या में मालवाहक का इस्तेमाल यात्रा के दौरान किया जा रहा है। मालवाहक में सफर कर श्रद्धालु अपनी जान को जोखिम में डाल रहे हैं। इस जोखिम भरी यात्रा में लोगों को अपनी जान तक गंवानी पड़ सकती है। प्रशासन द्वारा मालवाहक में लोगों के सफर करने के ऊपर यूं तो प्रतिबंध लगाया है, लेकिन फिर भी लोग यात्रा के दौरान इन वाहनों का इस्तेमाल कर रहे हैं। इन वाहनों पर कुछ श्रद्धालु लटककर भी सफर करते हैं। भरमौर मार्ग पर इस तरह से सफर करने में बहुत अधिक जोखिम है। लोगों ने पुलिस प्रशासन से मांग की है कि जिस तरह से अन्य प्रबंधों को पुख्ता किया गया है उसी तरह से मालवाहक में यात्रा करने पर प्रतिबंध लगाया जाए, ताकि कोई बड़ा हादसा होने से बच सके।

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