Holika Dahan 2025: होलिका दहन के पावन अवसर पर करें इस कथा का पाठ, मिलेगी नरसिंह भगवान की कृपा
होलिका दहन का दिन बहुत शुभ माना जाता है। यह हिंदुओं के सबसे बड़े त्योहारों में से एक माना गया है। ऐसा माना जाता है कि जो लोग होलिका दहन की पवित्र अग्रि की पूजा करते हैं और होली व्रत कथा (Holika Dahan 2025 Katha) का पाठ भाव के साथ करते हैं उन्हें नरसिंह भगवान का आशीर्वाद मिलता है तो चलिए यहां पढ़ते हैं।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। होलिका दहन होली के त्योहार की पावन शुरुआत का प्रतीक है। यह रंगों के त्योहार से ठीक एक दिन पहले मनाया जाता है। इस साल होलिका दहन 13 मार्च यानी आज के दिन किया जा रहा है। पंचांग के अनुसार, यह पर्व हर साल फाल्गुन महीने में मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, लोग इस दिन ज्यादा से ज्यादा पूजा-पाठ करते और दान करते हैं।
वहीं, इस दिन (Holika Dahan 2025) की होलिका के अंत की कथा का पाठ जरूर करना चाहिए, जिससे शुभ फलों की प्राप्ति होती है, तो चलिए यहां पढ़ते हैं।
होली कथा (Holika Dahan 2025 Katha Path)
प्रचलित पौराणिक कथा के अनुसार, हिरण्यकश्यप नाम के राक्षस ने अपने ही पुत्र भगवान विष्णु के परम भक्त प्रहलाद को जान से मारने के लिए हर रोज अलग-अलग यातनाएं देता था। एक दिन उसने उन्हें जान से मारने के लिए फाल्गुन माह की पूर्णिमा तिथि तय की। इस तिथि से 8 दिन पहले हिरण्यकश्यप ने बेटे प्रहलाद को बहुत सारे कष्ट दिए, जिससे वे डरकर अपने पिता का भक्त बन जाए, लेकिन इन यातनाओं के बाद भी प्रहलाद की हरि भक्ति में किसी भी तरह का बदलाव नहीं हुआ। नाही उन्होंने भगवान विष्णु (Lord Narasimha) की भक्ति का मार्ग छोड़ा।
इससे परेशान होकर हिरण्यकश्यप ने बहन होलिका से मदद ली, जिसे यह वरदान मिला हुआ था कि वह अग्नि में नहीं जलेगी। ऐसे में अपने भाई की मदद करने के लिए होलिका प्रहलाद को अपनी गोद में लेकर अग्नि में बैठ गई। श्री हरि के आशीर्वाद की वजह से अग्नि प्रहलाद को जला नहीं सकी, लेकिन होलिका उस अग्नि में जलकर भस्म हो गई। ये सारी घटनाएं उन्हीं 8 दिनों में हुई, जिन्हें होलाष्टक के नाम से जाना जाता है। इसी कारण इस दौरान कोई भी शुभ काम भी नहीं किए जाते हैं।
वहीं, जिस दिन होलिका अग्नि में जलकर भस्म हुई, उसी दिन से होलिका दहन पर्व (Holika Dahan significance) की शुरुआत हुई, जिसे आज भी लोग बड़ी धूमधाम और भक्ति के साथ मनाते हैं।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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