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    Holi Bhai Dooj 2025: क्या है होली भाई दूज पर तिलक करने का सही नियम? एक क्लिक में जानें मुहूर्त से लेकर सबकुछ

    Updated: Sun, 16 Mar 2025 08:26 AM (IST)

    होली भाई दूज (Holi Bhai Dooj 2025) का त्योहार बेहद शुभ माना गया है। यह होली के दो दिन बाद मनाया जाता है। रक्षा बंधन की तरह यह पर्व भी भाई-बहन के पवित्र प्यार का प्रतीक है जैसा कि इसके नाम से पता चल रहा है कि यह द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। इस साल यह 16 मार्च यानी आज के दिन मनाया जा रहा है।

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    Holi Bhai Dooj 2025: होली भाई दूज तिलक नियम।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। होली के बाद हर साल होली भाई दूज का पर्व मनाया जाता है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, यह पर्व द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। इस साल यह पर्व आज यानी 16 मार्च 2025, दिन रविवार को मनाया जा रहा है। इस दिन बहनें विशेष भोजन तैयार करती हैं, और अपने भाई की सलामती के लिए प्रार्थना व तिलक करती हैं। कहते हैं कि इस दिन यमुना माता ने अपने भाई यम देव का तिलक किया था, तभी से इस परंपरा की शुरुआत हुई। माना जाता है जो भाई-बहन इस शुभ पर्व (Holi Bhai Dooj 2025) को प्यार से मनाते हैं, उन्हें रोग-दोष से मुक्ति मिलती है, तो चलिए इस दिन से जुड़ी प्रमुख बातों को जानते हैं।

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    तिलक समय (Tilak Samay)

    होली भाई दूज पर तिलक करने के लिए मुहूर्त सुबह से लेकर शाम को 04 बजकर 58 मिनट तक रहेगा।

    होली भाई दूज तिलक नियम (Holi Bhai Dooj 2025 Tilak Method)

    • सुबह उठकर भाई-बहन पवित्र स्नान करें, चाहें तो स्नान के लिए यमुना तट पर भी जा सकते हैं।
    • बहनें पूजा की थाली तैयार करें।
    • पूजा थाली में एक दीपक, रोली, अक्षत, फल, हल्दी, केसर, मिठाई, सुपारी और मोली धागा रखें।
    • तिलक मुहूर्त के अनुसार, बहनें भाई के माथे पर तिलक लगाएं।
    • तिलक लगाते समय, बहनें अपने भाई की भलाई और लंबी उम्र के लिए अपने ईष्ट का ध्यान करें।
    • भाई को मीठाई व फल खिलाएं।
    • फिर आरती उतारें।
    • इसके बाद भाई अपनी बहनों को उपहार व रक्षा करने का अमिट वादा करें।
    • जिनके भाई नहीं है, वे अपने ईष्ट का भी तिलक कर सकती हैं, क्योंकि ईश्वर ही सबके सच्चे भाई, मित्र, पिता और माता हैं।
    • इस दिन भोजन में तामसिक चीजों से परहेज करें।
    • शुद्ध भोजन ही बनाएं।
    • पवित्रता का विशेष ख्याल रखें।

    होली भाई दूज शुभ योग (Holi Bhai Dooj 2025 Shubh Yog)

    हिंदू पंचांग के अनुसार, अमृत सिद्धि योग सुबह 06 बजकर 30 मिनट से 11 बजकर 45 मिनट तक रहेगा। सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 06 बजकर 30 मिनट से 11 बजकर 45 मिनट तक रहेगा। द्विपुष्कर योग सुबह 11 बजकर 45 मिनट से शाम 04 बजकर 58 मिनट तक रहेगा।

    अभिजित मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 06 मिनट से 12 बजकर 54 मिनट तक रहेगा। विजय मुहूर्त 02 बजकर 30 मिनट से 03 बजकर 18 मिनट तक रहेगा।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।