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    Holi Bhai Dooj 2025: कब है होली भाई दूज? इस विधि से करें अपने भाई का तिलक, जानिए शुभ मुहूर्त

    Updated: Sat, 08 Mar 2025 11:22 AM (IST)

    होली भाई दूज (Bhai Dooj 2025 Shubh Muhurat) का हिंदू धर्म में बहुत ज्यादा महत्व है। इस दिन भाई-बहन एक दूसरे के प्रति अपने प्यार को जाहिर करते हैं। इसके साथ ही यह पर्व पुरानी नोंक-झोक को भूलाकर नई शुरुआत करने का शुभ समय होता है तो आइए यहां जानते हैं कि साल 2025 में यह पर्व कब मनाया जाएगा?

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    Holi Bhai Dooj 2025: होली भाई दूज।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। होली भाई दूज एक विशेष हिंदू त्योहार है, जो भाई-बहन के बीच पवित्र बंधन का प्रतीक है। यह हिंदू कैलेंडर की द्वितीया तिथि के दूसरे दिन पड़ता है। इसे भ्रातृ द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है। हालांकि यह पर्व साल में दो बार मनाया जाता है, जिसमें दिवाली के बाद वाले को ज्यादा महत्वपूर्ण माना जाता है। बता दें, हर साल होली भाई दूज (Holi Bhai Dooj 2025) रंगों वाली होली के अगले दिन पड़ता है, तो आइए इसकी सही डेट और तिलक विधि जानते हैं, ताकि आपसे इस दौरान किसी भी तरह की गलतियां न हों।

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    होली भाई दूज 2025 कब है? (Holi Bhai Dooj 2025 Shubh Muhurat)

    वैदिक पंचांग के अनुसार, द्वितीया तिथि की शुरुआत 15 मार्च, 2025 की दोपहर 02 बजकर 33 मिनट पर होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 16 मार्च 2025 की शाम 04 बजकर 58 मिनट पर होगा। ऐसे में इस साल होली भाई दूज का त्योहार 16 मार्च 2025, दिन रविवार को मनाया जाएगा।

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    होली भाई दूज तिलक विधि (Holi Bhai Dooj 2025 Tilak Vidhi)

    • दिन की शुरुआत स्नान से करें।
    • फिर बहनें पूजा की थाली तैयार करें।
    • थाली में एक दीपक, रोली, अक्षत, फल, मिठाई, सुपारी और मोली धागा रखें।
    • शुभ मुहूर्त के अनुसार, बहन भाई के माथे पर तिलक (Bhai Dooj Tilak Ceremony) करें।
    • तिलक लगाते समय, बहनें अपने भाई की भलाई और लंबी उम्र के लिए ईश्वर का ध्यान करें।
    • भाई को मीठाई खिलाएं।
    • फिर आरती उतारें।
    • यह त्योहार उपहार देने का भी समय है, जब भाई अपनी बहनों को उपहार देते हैं।
    • हालांकि क्षेत्र के आधार पर पूजा-अनुष्ठानों में कुछ भिन्नताएं होती हैं।
    • जिनके भाई नहीं है, वे अपने ईष्ट का तिलक कर सकती हैं।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।