Holi 2025 Shubh Yoga: होली पर शिववास समेत बन रहे हैं 4 मंगलकारी संयोग, इन लोगों के लिए रहेगा शुभ
ज्योतिषीय गणना के अनुसार 14 मार्च यानी होली (Holi 2025 Shubh Yoga) के दिन आत्मा के कारक सूर्य देव कुंभ राशि से निकलकर मीन राशि में गोचर करेंगे। आत्मा के कारक सूर्य देव के राशि परिवर्तन करने की तिथि पर संक्रांति मनाई जाएगी। इस दिन से खरमास भी शुरू होगा। खरमास के दौरान कोई भी शुभ काम नहीं किया जाता है।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में होली पर्व का खास महत्व है। रंगों का त्योहार होली हर साल फाल्गुन पूर्णिमा पर मनाया जाता है। इससे एक दिन पहले होलिका दहन किया जाता है। इस साल 13 मार्च को होलिका दहन और 14 मार्च को होली है। हालांकि, भद्रा के चलते होलिका दहन मध्य रात्रि में किया जाएगा।
ज्योतिषियों की मानें तो फाल्गुन पूर्णिमा पर दुर्लभ शिववास योग समेत कई मंगलकारी योग बन रहे हैं। इन योग में भगवान विष्णु की पूजा करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होगी। फाल्गुन पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण भी लगने वाला है। इसके लिए ग्रहण से पूर्व ही पूजा करना श्रेष्ठकर होगा। आइए, शुभ मुहूर्त एवं शुभ योग जानते हैं।
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2025 में होली कब है? (Holi 2025 Shubh Muhurat)
फाल्गुन माह की पूर्णिमा तिथि 13 मार्च को सुबह 10 बजकर 35 मिनट पर शुरू होगी और 14 मार्च को दोपहर 12 बजकर 23 मिनट पर समाप्त होगी। होली के दिन चंद्रोदय संध्याकाल 06 बजकर 38 मिनट पर होगा।
कब है होलिका दहन?
ज्योतिषियों की मानें तो होली से एक दिन पूर्व भद्रा का साया दिन भर है। इसके लिए होलिका दहन रात्रि में की जाएगी। होलिका दहन का शुभ समय देर रात 11 बजकर 26 मिनट से लेकर देर रात 12 बजकर 30 मिनट तक है। इस दौरान होलिका दहन किया जाएगा। 13 मार्च को भद्रा का साया देर रात 11 बजकर 26 मिनट तक है।
शिववास योग
फाल्गुन पूर्णिमा यानी होली के दिन दुर्लभ शिववास योग का संयोग बन रहा है। इस योग का निर्माण दोपहर 12 बजकर 23 मिनट से हो रहा है। वहीं, होली पर पूर्ण रात्रि तक उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र का संयोग है। वहीं, बव और बालव करण का भी योग बन रहा है। इन योग में भगवान विष्णु की पूजा करने से साधक को सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होगी। होली के दिन अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 07 मिनट से लेकर 12 बजकर 54 मिनट तक है।
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