तब नागा साधुओं ने अपनी क्षमता का परिचय देते हुए कृष्ण की नगरी की रक्षा की थी
यदि भारतीय इतिहास से जुड़ी कई किताबों के पन्ने पलटेंगे तो नागा साधुओं ने जो युद्ध धर्म और समाज के हित को ध्यान में रखकर लड़े इन सभी का जिक्र मिलता है। धर्म के इस कार्य में हजारों नागाओं ने हिस्सा लिया था। उस समय नागा साधुओं को स्थानीय राजा-महाराजाओं
यदि भारतीय इतिहास से जुड़ी कई किताबों के पन्ने पलटेंगे तो नागा साधुओं ने जो युद्ध धर्म और समाज के हित को ध्यान में रखकर लड़े इन सभी का जिक्र मिलता है। धर्म के इस कार्य में हजारों नागाओं ने हिस्सा लिया था। उस समय नागा साधुओं को स्थानीय राजा-महाराजाओं का समर्थन प्राप्त था।
नागा साधुओं की सबसे मुख्य लड़ाई अहमद शाह अब्दाली की लड़ाई मानी जाती है। अहमद शाह अब्दाली, जिसे अहमद शाह दुर्रानी भी कहा जाता है, सन 1748 में नादिरशाह की मौत के बाद अफगानिस्तान का शासक और दुर्रानी साम्राज्य का संस्थापक बना।
उसने भारत पर सन 1748 से सन 1758 तक कई बार चढ़ाई की। अब्दाली ने भारत पर सबसे बड़ा हमला सन् 1757 में जनवरी माह में दिल्ली पर किया। अहमदशाह एक माह तक दिल्ली में रुका और उसने लूटपाट की।
अहमद शाह अब्दाली ने मथुरा-वृंदावन और गोकुल पर अपना अधिकार कर लिया। तब नागा साधुओं ने अपनी क्षमता का परिचय देते हुए कृष्ण की नगरी की रक्षा की थी।
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