Hindu New Year 2024: जानें कौन होंगे इस वर्ष के राजा और मंत्री, मिल सकते हैं ये परिणाम
जहां अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार 01 जनवरी को नए साल का पर्व मनाया जाता है। वहीं हिंदी कैलेंडर के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नववर्ष की शुरुआत मानी जाती है। ऐसे में इस साल हिंदू नववर्ष का आरंभ 09 अप्रैल 2024 मंगलवार के दिन से हो रहा है। यह तिथि कई कारणों से महत्वपूर्ण मानी गई है।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Hindu Nav Varsh Vikram Samvat 2081: ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार, हर वर्ष का एक राजा और मंत्री निर्धारित किया जाता है। ऐसे में आइए जानते हैं कि इस हिंदू वर्ष का राजा और मंत्री की उपाधि किन ग्रहों को मिलने वाली है। साथ ही जानते हैं कि पूरे साल इसका क्या प्रभाव पड़ेगा।
हिंदू नववर्ष का महत्व
ब्रह्म पुराण में इस बात का वर्णन मिलता है कि भगवान विष्णु ने सृष्टि के निर्माण का कार्य ब्रह्म देव को सौंपा और चैत्र माह के शुक्ल पक्ष में आने वाली प्रतिपदा तिथि पर ही ब्रह्मा जी ने सृष्टि का निर्माण किया था। इसलिए इस तिथि से ही हिंदू में विशेष महत्व दिया जाता है और इसे नव वर्ष के रूप में मनाया जाता है।
कौन है इस वर्ष का राजा
मान्यताओं के अनुसार हिंदू नववर्ष पर जो वार पड़ता है, उसे ही वर्ष का राजा माना जाता है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार, 09 अप्रैल 2024 को चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि पड़ रही है, जिस दिन मंगलवार रहेगा। इसलिए नए संवत्सर 2081 के राजा मंगल होने वाले हैं। वहीं, सूर्य के मेष राशि में प्रवेश के अनुसार, वर्ष का मंत्री नियुक्त किया जाता है। इसके अनुसार इस साल नव वर्ष के मंत्री शनि होंगे।
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मिल सकते हैं ये परिणाम
भारतीय ज्योतिष के अनुसार, हर साल का कोई न कोई ग्रह राजा होता है, जिसका प्रभाव पूरे साल मानव जीवन पर भी पड़ता है। अब संवत 2081 की शुरुआत हो रही है, इस संवत के राजा मंगल ग्रह हैं। मंगल को ग्रहों के सेनापति के रूप में जाना जाता है। साथ ही यह पराक्रम, साहस, सेना प्रशासन, सिद्धांत के कारक भी माने गए हैं। मंगल का राजा के रूप में स्थापित होना अधिक शुभ नहीं माना जाता। यह न केवल व्यक्ति के जीवन में बल्कि वैश्विक स्तर के लिए भी उथल-पुथल का संकेत देता है।
ज्योतिष शास्त्र में माना जाता है कि जब मंगल वर्ष का राजा होते हैं, तो उस वर्ष में कई प्राकृतिक आपदाएं आ सकती हैं। इसके साथ ही युद्ध जैसी स्थिति निर्मित होती हैं। शासन तंत्र में भी आपसी तनातनी का वातावरण बना रहता है। इस दौरान कई प्रकार के रोगों और वर्षा की कमी का फी सामना करना पड़ सकता है।
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