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    रामायण काल से लेकर महाभारत के युद्ध तक, ये पांच लोग दोनों युगों में रहे मौजूद

    By Suman SainiEdited By: Suman Saini
    Updated: Thu, 14 Sep 2023 04:01 PM (IST)

    आपने 8 चिरंजीवियों के बारे में तो सुना ही होगा जो अमर हैं और कलियुग में भी जीवित हैं। लेकिन क्या आप ऐसे कुछ लोगों के बारे में जानते हैं जिनका वर्णन रामायण से लेकर महाभारत में भी मिलता है। अगर नहीं तो आज हम आपको ऐसे ही पांच लोगों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्होंने भगवान राम की लीला देखी तो वहीं महाभारत का युद्ध भी देखा।

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    Hindu scriptures रामायण से लेकर महाभारत तक, ये पांच लोग दोनों युगों में रहे मौजूद।

    नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Hindu Scriptures: महाभारत और रामायण में ऐसी कई कथाएं मिलती हैं जो व्यक्ति को आश्चर्यचकित कर देती हैं। रामा त्रेता युग में जन्में थे, तो वहीं, महाभारत का युद्ध द्वापर युग में हुआ था। पुराणों के अनुसार एक युग लाखों वर्षों का होता है। पुराणों के अनुसार, द्वापर युग लगभग आठ लाख चौसठ हजार वर्ष का था। जबकि ऐसा माना गया है कि त्रेता युग इससे भी बड़ा होने वाला है। कुछ ऐसे पुरुष भी हुए हैं जिन्होंने हजारों वर्ष लंबे त्रेतायुग और द्वापर युग दो युगों को देखा। आइए जानते हैं उसके विषय में।

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    विष्णु के दसवें अवतार परशुराम 

    परशुराम भगवान विष्णु के दसवें अवतार माने गए हैं। परशुराम जी का उल्लेख रामायण और महाभारत दोनों में ही मिलता है। रामायण में परशुराम जी का वर्णन तब मिलता है जब सीता स्वयंवर के समय राम जी ने धनुष तोड़ने पर वह क्रोध में सभा में आ पहुंचते हैं। वहीं, द्वापर युग में परशुराम जी कर्ण और पितामह भीष्म को अस्त्र-शास्त्र की शिक्षा देते हुए नजर आते हैं।

    राम के परम भक्त हनुमान जी

    हनुमान जी रामायण के एक मुख्य पात्र रहे हैं। तो वहीं, महाभारत में भी उनका जिक्र मिलता है। हनुमान जी को अमरता का वरदान माता सीता द्वारा दिया गया था। रामायण में हनुमान जी ने भगवान राम की सेना का नेतृत्व किया था। महाभारत काल में भी भीम और हनुमान जी की भेंट का एक प्रसंग मिलता है। इस दौरान हनुमान जी ने भीम वचन दिया था कि युद्ध के समय वह युद्ध अर्जुन के रथ पर रहेंगे और उन्हें विजयी बनाने में अपना पूरा सहयोग देंगे।

    जामवंत को श्री राम ने दिया वचन

    जामवंत भी रामायण के मुख्य पात्र में से एक हैं। उन्होंने भी श्री राम की सेना में अहम भूमिका निभाई थी। उनका श्री राम से एक बार युद्ध भी हुआ था, जिस दौरान राम जी ने उन्हें वचन दिया कि वह अपने अगले अवतार में उनकी युद्ध की इच्छा को पूरा करेंगे। वहीं, महाभारत काल में जब भगवान राम ने श्रीकृष्ण के रूप में आते हैं तब जामवंत 8 दिनों तक भगवान कृष्ण से युद्ध करते हैं।

    रावण के ससुर मयासुर

    रामायण में रावण के ससुर और मंदोदरी के पिता मयासुर का वर्णन मिलता है। वहीं, महाभारत काल में मयासुर का एक प्रसंग मिलता है जिसके अनुसार, श्री कृष्ण ने जब उनके प्राण लेने चाहे तब अर्जुन ने उनके प्राण बचाने में सहायता की।

    महर्षि दुर्वासा

    महर्षि दुर्वासा सतयुग, त्रेतायुग और द्वापर तीनों युगों में मौजूद थे। रामायण में इन्ही के कारण लक्ष्मण जी को अपना श्री राम को दिया गया वचन तोड़ना पड़ा था। वहीं महाभारत काल में ऋषि दुर्वासा ने कुंती को संतान प्राप्ति का मंत्र दिया था।

    डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'