शादी में हो रही है देरी या नहीं मिल रहा है रिश्ता, हरियाली तीज को इन उपायों से जल्द बजेगी शहनाई
हरियाली तीज सावन महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाई जाती है। इस दिन भगवान शिव ने देवी पार्वती को पत्नी के रूप में स्वीकार किया था। कन्याएं मनचाहा वर पाने और विवाहित महिलाएं पति की दीर्घायु के लिए यह व्रत रखती हैं। इस साल हरियाली तीज 27 जुलाई को मनाई जाएगी।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हर साल सावन महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरियाली तीज का पर्व मनाया जाता है। मान्यता है कि भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए देवी पार्वती ने घोर तपस्या की थी। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर इसी दिन भोलेनाथ ने मां पार्वती को पत्नी के रूप में स्वीकार किया था।
माता पार्वती के तप की वजह से इस दिन कन्याएं मनचाहा वर पाने की कामना से हरियाली तीज का व्रत रखती हैं। वहीं, विवाहित महिलाएं पति की दीर्घायु, सुहाग की रक्षा और वैवाहिक जीवन में सुखों की इच्छा से इस व्रत को करती हैं।
जानिए कब है हरियाली तीज
इस साल शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 26 जुलाई की रात 10:41 बजे से शुरू होकर 27 जुलाई की रात 10:42 बजे तक रहेगी। लिहाजा, उदिया तिथि को मान्यता देते हुए हरियाली तीज का त्योहार 27 जुलाई 2025 को रविवार के दिन मनाया जाएगा।
शादी में आ रही हैं अड़चनें होती हैं दूर
भगवान शिव और माता पार्वती को वैवाहिक जीवन में सुख देने वाला माना जाता है। इसलिए यदि किसी की शादी में अड़चनें आ रही हैं। मनचाहा वर नहीं मिल रहा है या शादी की बात होकर टूट रही है, तो इस दिन कुछ उपाय किए जा सकते हैं।
- लाल वस्त्र पहनकर व्रत करें और देवी पार्वती को सोलह श्रृंगार का सामान चढ़ाएं।
- जल्दी विवाह की कामना करते हुए शिव-पार्वती की एक साथ पूजा करें।
- इसके अलावा भगवान शिव को नारियल चढ़ाने से भी अड़चनें दूर होती हैं।
- कुंडली में शुक्र को मजबूत करने के लिए भी उपाय करने चाहिए।
- इसके लिए चावल, चीनी, दही, दूध, और सफेद कपड़ों का दान करना चाहिए।
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इन मंत्रों का जाप करें
जल्द विवाह की कामना के साथ शिव-पार्वती की प्रतिमा के सामने श्रद्धापूर्वक "ॐ सृष्टिकर्ता मम विवाह कुरु कुरु स्वाहा" और "ॐ श्रीं वर प्रदाय श्री नमः" मंत्रों का जाप करें।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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