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    Hariyali Teej 2024: सुखी वैवाहिक जीवन के लिए होता है हरियाली तीज व्रत, अभी नोट करें डेट और शुभ मुहूर्त

    हरियाली तीज को छोटी तीज और सावन तीज के नाम से भी जाना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इस व्रत करने से सुहागिन स्त्रियों को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। इस अवसर पर भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही प्रिय चीजों का भोग लगाया जाता है। आइए जानते हैं हरियाली तीज की डेट शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में।

    By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Updated: Sat, 29 Jun 2024 11:38 AM (IST)
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    Hariyali Teej 2024: सुहागिन महिलाएं करती हैं हरियाली तीज व्रत

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Kab Hai Hariyali Teej 2024: सनातन धर्म में हरियाली तीज के त्योहार को बेहद उत्साह के साथ मनाया जाता है। पंचांग के अनुसार, यह व्रत सावन माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को किया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इस शुभ अवसर पर भगवान शिव और मां पार्वती की विशेष पूजा-अर्चना करने का विधान है। इस व्रत को सुहागिन महिलाएं पति की लंबी आयु के लिए रखती है।

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    हरियाली तीज 2024 डेट और शुभ मुहूर्त (Hariyali Teej 2024 Date and Shubh Muhurat)

    पंचांग के अनुसार, सावन माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि की शुरुआत 06 अगस्त को रात 07 बजकर 52 मिनट पर होगी। वहीं, इसका समापन अगले दिन यानी 07 अगस्त को रात 10 बजकर 05 मिनट पर होगा। सनातन धर्म में उदया तिथि मान है। अतः 07 अगस्त को हरियाली तीज मनाई जाएगी।

    हरियाली तीज पूजा विधि हरियाली तीज पूजा विधि (Hariyali Teej Puja Vidhi)

    हरियाली तीज के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर साफ वस्त्र धारण करें और इस शुभ अवसर पर श्रृंगार अवश्य करें। अब मंदिर की सफाई कर भगवान शिव और मां पार्वती की प्रतिमा को चौकी पर साफ कपड़ा बिछाकर विराजमान करें। अब दीपक जलाकर पूजा-अर्चना करें। इस दौरान मां पार्वती को सोलह श्रृंगार अर्पित करें। इसके बाद आरती करें और शिव चालीसा और मंत्रो का जप करें। साथ ही सुख, समृद्धि और पति की लंबी आयु की कामना और व्रत करें। संध्याकाल में आरती अर्चना करें। इसके अगले दिन पूजा-पाठ संपन्न कर व्रत का पारण करें।

    हरियाली तीज के मंत्र

    • ऊँ उमामहेश्वराभ्यां नमः
    •  ऊँ गौरये नमः
    • ऊँ पार्वत्यै नमः

    कुवारी कन्याओं के लिए मंत्र

    • हे गौरी शंकरार्धांगी। यथा त्वं शंकर प्रिया। तथा मां कुरु कल्याणी, कान्त कान्तां सुदुर्लभाम्।।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।