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    Hariyali Amavasya 2024: हरियाली अमावस्या की कथा से अखंड सौभाग्य की होगी प्राप्ति, महादेव होंगे प्रसन्न

    Updated: Sat, 03 Aug 2024 05:48 PM (IST)

    हरियाली अमावस्या पर गंगा समेत पवित्र नदियों में स्नान किया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन महादेव और माता पार्वती की पूजा करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। हरियाली अमावस्या व्रत में बिना कथा (Hariyali Amavasya Vrat Kath) का पाठ करने से पूजा अधूरी रहती है। इसलिए व्रत में कथा का पाठ जरूर करें। इससे पुण्य की प्राप्ति होगी।

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    Hariyali Amavasya Ki Katha: हरियाली अमावस्या की व्रत कथा

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Hariyali Amavasya 2024 Katha: सनातन धर्म में अमावस्या तिथि जगत के पालनहार भगवान विष्णु और पितरों को समर्पित है, लेकिन सावन के महीने में पड़ने वाली अमावस्या पर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-अर्चना करने का भी विधान है, क्योंकि सावन का महीना महादेव को बेहद प्रिय है। इस दिन महिलाएं व्रत करती हैं और सुख-शांति की कामना करती हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से सुहागिन महिलाओं को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है और पति को लंबी उम्र का आशीर्वाद प्राप्त होता है। पंचांग के अनुसार, हरियाली अमावस्या का पर्व 04 अगस्त (Hariyali Amavasya 2024 Date) को मनाया जाएगा। आइए पढते हैं हरियाली अमावस्या की व्रत कथा।    

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    हरियाली अमावस्या की कथा (Hariyali Amavasya Katha)

    पौराणिक कथा के अनुसार, प्राचीन समय में एक राजा प्रतापी राजा था। उसके एक बेटा और बहु थे। एक बार उसकी बहु ने चोरी से मिठाई खा ली और आरोप चूहे पर लगा दिया, जिसके कारण चूहे को बेहद गुस्सा आया। उसने मन ही मन निश्चय किया कि चोर को राजा के सामने लेकर आऊंगा। एक बार राजा के घर में कुछ मेहमान का आगमन हुआ। वह सभी लोग राजा के कमरे में सोए हुए थे। ऐसे में चूहे ने रानी की साड़ी ले जाकर उस कमरे में रख दिया।

    इसके बाद जब सुबह के समय मेहमान की आंखें खुली और उन्होंने रानी का कपड़ा देखा तो हैरान रह गए। इस बात का पता राजा को चला तो उन्होंने अपनी बहू को महल से निकाल दिया। रोजाना रानी शाम के समय दीपक जलाती और ज्वार उगाने का काम करती थी। पूजा के बाद गुडधानी का प्रसाद लोगों में वितरण करती थी।

    एक बार राजा उस मार्ग से निकल रहा था, तो उसकी नजर रानी के दीपक पर पड़ी। जब राजा घर पहुंचा, तो उसने सैनिकों को जंगल भेजा और कहा कि देखकर आओ वहां क्या चमत्कारी चीज थी। जंगल में सैनिक गए और देखा कि दीपक आपस में बात कर रहे है। इतने में एक शांत दीपक ने सवाल किया कि तुम भी अपनी कहानी बताओ। दीपक ने बताया कि वह रानी का दीपक है। उसने आगे बताया कि रानी की मिठाई चोरी की वजह से चूहे ने रानी की साड़ी मेहमानों के कमरे में रखा था और बेकसूर रानी को सजा मिल गई।

    जंगल की सारी बात सैनिकों ने राजा को बताई, जिसके बाद राजा ने रानी को वापस महल बुला लिया। जिसके बाद रानी खुशी-खुशी राजमहल में रहने लगी।  

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।