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    Hariyali Amavasya 2023: हरियाली अमावस्या के दिन लगाएं ये पौधे, पितृ होंगे प्रसन्न

    By Suman SainiEdited By: Suman Saini
    Updated: Sat, 08 Jul 2023 11:28 AM (IST)

    Hariyali Amavasya 2023 सावन माह की अमावस्या तिथि को हरियाली अमावस्या के रूप में मनाया जाता है। हरियाली अमावस्या को बहुत ही शुभ माना जाता है। सामान्यतः हरियाली अमावस्या हरियाली तीज से तीन दिन पहले आती है। इस दिन पेड़-पौधे लगाने का विशेष महत्व है। आइए जानते हैं कि हरियाली अमावस्या के दिन किन वृक्षों को रोपने से व्यक्ति को शुभ फलों की प्राप्ति होती है।

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    Hariyali Amavasya 2023 हरियाली अमावस्या के दिन लगाएं ये पौधे।

    नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Hariyali Amavasya 2023: सनातन धर्म में सावन के महीने को बहुत ही पवित्र माना गया है। श्रावण मास में महादेव के पूजन का विशेष महत्व है। सावन की हरियाली अमावस्या 17 जुलाई 2023 को है। इस दिन सोमवार होने से ये सोमवती अमावस्या कहलाएगी। प्राचीन काल से ही इस दिन पेड़-पौधे लगाने की परंपरा चली आ रही है।

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    क्या है महत्व

    हरियाली अमावस्या के दिन नदियों या जलाशयों के किनारे स्नान के बाद भगवान की पूजा-अर्चना करने के बाद अगर शुभ मुहूर्त में वृक्षों को रोपा जाता है तो व्यक्ति को इसका विशेष लाभ मिलता है। यही नहीं मथुरा एवं वृन्दावन में, हरियाली अमावस्या के अवसर पर विशेष दर्शन का आयोजन किया जाता है।

    भगवान कृष्ण के इन विशेष दर्शन करने से व्यक्ति को शुभ फल की प्राप्त होती है। इस दिन मंदिरों में हजारों की संख्या में लोग भगवान कृष्ण के दर्शनों के लिए मथुरा में द्वारकाधीश मंदिर और वृंदावन में बांके बिहारी मन्दिर जाते हैं।

    लगाएं ये पौधे

    हरियाली अमावस्या के दिन अगर कोई व्यक्ति कुछ विशेष वृक्षों को रोपकर उनकी देखरेख करने का प्रण लेता है तो उसके जीवन में समृद्धि बनी रहती है। सावन में हरियाली अमावस्या पर शिव-पार्वती पूजन के साथ ही तुलसी, आम, बरगद, नीम आदि के पौधे रोपने से देव और पितृ दोनों प्रसन्न होते हैं। शास्त्रों में विशेषकर आम, आंवला, पीपल, वट वृक्ष और नीम के पौधों को रोपने का विशेष महत्व बताया गया है।

    जानिए तिथि और शुभ मुहूर्त

    अमावस्या तिथि 16 जुलाई 2023 को सुबह 10 बजकर 08 मिनट से शुरू हो रही है। इसका समापन 18 जुलाई 2023 को सुबह 12 बजकर 01 मिनट पर होगा। अतः 17 जुलाई को सोमवती अमावस्या मनाई जाएगी।

    डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'