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    Harihar Milan 2025: महाकाल की नगरी में कब होगा हरि-हर मिलन, क्यों इतना खास है यह दिन?

    Updated: Sat, 01 Nov 2025 03:42 PM (IST)

    हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को वैकुंठ चतुर्दशी (Vaikuntha Chaturdashi 2025) मनाई जाती है। इसी दिन पर महाकाल की नगरी यानी उज्जैन में हरि-हर मिलन का आयोजन भी किया जाता है। ऐसे में चलिए जानते हैं कि नवंबर के महीने में हरि-हर मिलन का आयोजन कब किया जाएगा।

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    हरि-हर मिलन 2025 कब है?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हरि-हर मिलन एक ऐसा दिन है, जब एक साथ भगवान विष्णु और भगवान शिव की पूजा-अर्चना की जाती है। हरि‑हर मिलन (Harihar Milan 2025) का पर्व विशेष रूप से उज्जैन में मनाया जाता है। माना जाता है कि इस दिन पर बाबा महाकाल, भगवान विष्णु से मिलने गोपाल मंदिर जाते हैं और उन्हें सृष्टि संचालन का भार सौंपते हैं। चलिए जानते हैं इस विशेष उत्सव के बारे में।

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    इस दिन किया जाएगा हरि‑हर मिलन

    कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि का प्रारंभ 4 नवंबर को देर रात 2 बजकर 5 मिनट पर शुरू हो रही है। वहीं इस तिथि का समापन 4 नवंबर को रात 10 बजकर 36 मिनट पर होगा। ऐसे में हरि‑हर मिलन उत्सव 4 नवंबर को मनाया जाएगा।

    Harihar Milan I

    क्यों मनाया जाता है यह दिन

    पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, चातुर्मास में भगवान विष्णु पाताल लोक में विश्राम अवस्था में रहते हैं और इस दौरान सृष्टि संचालन भगवान शिव द्वारा किया जाता है। वहीं जब चातुर्मास की समाप्ति के बाद प्रभु श्री हरि पुन: जागते हैं, तो इस अवसर पर महादेव उन्हें पुनः सृष्टि का संचालन सौंप देते हैं।

    यह एक ऐसा दिन है, जब तुलसी और बेलपत्र की माला का आदान-प्रदान किया जाता है। यह एकमात्र ऐसा दिन है जब महादेव पर तुलसी अर्पित की जाती है और भगवान विष्णु को बेलपत्र चढ़ाए जाते हैं। वहीं वैकुंठ चतुर्दशी को लेकर यह कथा मिलती है कि इस तिथि पर भगवान विष्णु ने अपने आराध्य देव अर्थात भगवान शिव जी को हजार कमल अर्पित किए थे।

    Harihar Milan I (1)

    (AI Generated Image)

    शुभ माने जाते हैं ये कार्य

    वैकुंठ चतुर्दशी यानी हरि‑हर मिलन के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर पवित्र नदी में स्नान करना काफी शुभ माना गया है। साथ ही कुछ साधक इस दिन पर व्रत रात्रि जागरण भी करते हैं। साथ ही इस दिन पर साधक को भगवान विष्णु और महादेव के मंत्रों का जप करने से भी लाभ मिल सकता है।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।