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Rajkummar Rao Birthday: रेवती नक्षत्र में हुआ था राजकुमार राव का जन्म, जानें क्या है इनकी कुंडली में

Rajkummar Rao Birthday इनका जन्म 31 अगस्त 1984 को हरियाणा में हुआ था। इनके पिता का नाम सत्यपाल यादव और माता का नाम कमलेश यादव था।

By Shilpa SrivastavaEdited By: Published: Mon, 31 Aug 2020 09:00 AM (IST)Updated: Mon, 31 Aug 2020 10:51 AM (IST)
Rajkummar Rao Birthday: रेवती नक्षत्र में हुआ था राजकुमार राव का जन्म, जानें क्या है इनकी कुंडली में
Rajkummar Rao Birthday: रेवती नक्षत्र में हुआ था राजकुमार राव का जन्म, जानें क्या है इनकी कुंडली में

Rajkummar Rao Birthday: राजकुमार राव बॉलिवुड के बेहतरीन अभिनेता हैं। न्यूटन, सिटिलाइट्स, बरेली की बर्फी और स्त्री जैसी कई शानदार और बेहतरीन मूवीज करने वाले राजकुमार राव का आज 36वां जन्मदिन है। इनका जन्म 31 अगस्त 1984 को हरियाणा में हुआ था। इनके पिता का नाम सत्यपाल यादव और माता का नाम कमलेश यादव था। ज्योतिष के अनुसार, राजकुमार राव का जन्म रेवती नक्षत्र में हुआ था। तो चलिए जानते है कि राजकुमार राव की कुंडली इनके बारे में क्या कहती है। लेकिन उससे पहले हम उन सभी लोगों को जन्मदिन की शुभकामनाएं देते है जो राजकुमार राव के साथ 31 अगस्त को अपना जन्मदिन मना रहे हैं।

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ज्योतिषाचार्य पं. दयानंद शास्त्री ने बताया, राजकुमार राव का जन्म रेवती नक्षत्र के दूसरे चरण में हुआ है। इनकी जन्म कुण्डली के लग्न में ही सूर्य बुध की युति स्थित है अर्थात बुधादित्य योग। यहां बुध अस्त ओर वक्री है। दूसरे भाव में कन्या का शुक्र, तीसरे भाव में तुला राशि का चन्द्रमा, शनि के साथ स्थित हैं। इससे विष योग बना रहा है। वृश्चिक का मंगल, केतु के साथ चौथे भावस्थ हैं। अंगारक योग की युति बनी हुई हैं। मंगल अपनी ही राशि में बैठकर उनको मांगलिक बना रहा है। पंचम भाव में धनु का गुरु, अपनी ही राशि में स्थित है। कर्म स्थान में वृषभ का राहु बैठा हुआ है। उनकी कुण्डली में वर्तमान में शनि की विंशोत्तरी महादशा चल रही है। यह 19 जनवरी 2010 से 19 जनवरी 2019 तक चलेगी।

राजकुमार राव की संभावित कुंडली

अंतर्दशा सूर्य की 10 जनवरी 2020 से 23 दिसम्बर 2020 तक रहेगी। इस जन्मदिन पर ये बुध की प्रत्यन्तर दशा में रहेंगे। उनके जीवन में शनि की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। उन्होंने ने अपनी महादशा में काफी नाम, शोहरत कमाई है। लग्नस्थ सूर्य बुध का योगदान भी उल्लेखनीय है। देव गुरु वृहस्पति का पंचम भाव में होना भी कम नहीं आंका जा सकता है। वर्ष 2021 के उन्हें बहुत सम्भलकर चलना होगा। कुछ कठिन निर्णय लेने पड़ सकते हैं। जुलाई 2022 में जब शनि में मंगल आएंगे तब इनकी कोई बहुत बड़ी महत्वाकांक्षा पूर्ण होगी।

डिस्क्लेमर-

''इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना मेंं निहित सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है. विभिन्स माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्म ग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारी आप तक पहुंचाई गई है. हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना के तहत ही लें. इसके अतिरिक्त इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेंदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी. ''  


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