Lord Hanuman: किससे हुआ था बजरंगबली का विवाह, क्यों कहलाए ब्रह्मचारी? जानिए खास वजह
सनातन धर्म में हनुमान जी की पूजा-अर्चना करने का विशेष महत्व है। रामायण में हनुमान सबसे प्रमुख पात्रों में से एक हैं। बजरंगबली जी को बल और विद्या का प्रतीक माना जाता है। वे मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के परम भक्त थे। आइए जानते हैं कि हनुमान जी का विवाह किसके साथ हुआ था?

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में सप्ताह के सभी दिन किसी न किसी देवी-देवता की पूजा के लिए समर्पित है। इसी प्रकार से मंगलवार का दिन हनुमान जी को समर्पित होता है। इस दिन भक्त हनुमान जी की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करते हैं। साथ ही जीवन में आ रहे दुख और संकटों से छुटकारा पाने के लिए प्रभु से कामना भी करते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, सच्चे मन से हनुमान जी की पूजा करने से साधक की समस्या दूर होती है। साथ ही सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है।
धार्मिक मत है कि हनुमान जी ने जीवन में हमेशा सदैव ब्रह्मचर्य धर्म का पालन किया था। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बजरंगबली ने सुवर्चला से विवाह किया था, लेकिन शादी के बाद भी हनुमान जी ब्रह्मचारी ही रहे। क्या आप जानते हैं कि बजरंगबली (Hanuman Ji Marriage Story) का विवाह होने के बाद भी वे ब्रह्मचारी क्यों कहलाए? अगर नहीं पता, तो ऐसे में आइए जानते हैं इसकी खास वजह के बारे में।
सूर्य देव की पुत्री से हुआ था हनुमान जी का विवाह
पराशर संहिता में हनुमान जी के विवाह का वर्णन किया गया है। पौराणिक कथा के अनुसार, हनुमान जी का विवाह सुवर्चला के संग हुआ था। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हनुमान जी ने सूर्य को अपना गुरु बनाया था और उनसे नौ विद्याएं प्राप्त करने का फैसला लिया।
हनुमान जी को सूर्य ने 9 में से 5 विद्याओं का ही ज्ञान दिया, लेकिन 4 विद्या की प्राप्ति के लिए वे ही प्राप्त कर सकता था, जो विवाहित हो। इसके लिए विद्या प्राप्त करने के लिए हनुमान जी के सामने बाधा आ गई। वहीं, हनुमान जी के विवाहित न होने की वजह से सूर्य देव ने उन्हें 4 विद्या देने के लिए मना कर दिया। ऐसी स्थिति में सूर्य ने बजरंगबली को विवाह करने की सलाह दी।
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इसके बाद हनुमान जी ने सूर्य देव की आज्ञा का पालन किया। सूर्य देव ने अपनी पुत्री सुवर्चला से हनुमान जी का विवाह करने प्रस्ताव रखा। हनुमान जी ने विवाह करने के लिए राजी हुए। इसके बाद हनुमान जी और सुवर्चला का विवाह हुआ। विवाह के बाद सुवर्चला तपस्वी में लीन हो गई और हनुमान जी विद्याओं के ज्ञान प्राप्त करने में लग गए। इसलिए हनुमान जी ब्रह्मचारी कहलाए।
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