Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Lord Hanuman Puja: शनिवार के दिन करें श्री बजरंग बाण का पाठ, यहां जानें इसके नियम

    Updated: Sat, 21 Dec 2024 06:30 AM (IST)

    शनिवार के दिन भगवान शनि के साथ पवन पुत्र हनुमान जी की पूजा का विधान है। ऐसा कहा जाता है कि जो साधक इस दिन उनकी पूजा करते हैं उनपर कभी शनि देव अपनी बुरी नजर नहीं डालते हैं। साथ ही नौ ग्रहों का आशीर्वाद मिलता है। ऐसे में शनिवार के दिन व्रत रखें और सच्ची श्रद्धा के साथ हनुमान जी की पूजा करें। इससे सभी दुखों का नाश होगा।

    Hero Image
    Lord Hanuman Puja: पाठ के दौरान इन बातों का रखें ध्यान।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। शनिवार का दिन बेहद शुभ माना जाता है। इस दिन छाया पुत्र और भगवान हनुमान की पूजा का विधान है। ऐसा माना जाता है कि जो साधक इस पवित्र दिन पूरी श्रद्धा के साथ व्रत रखते हैं और विधिपूर्वक पूजा करते हैं, उन्हें जीवन में कभी किसी चीज की कमी नहीं होती है। ऐसे में सुबह उठकर पवित्र स्नान करें। फिर लाल या नीले रंग के कपड़े धारण करें। फिर बजरंगबली को सिंदूर अर्पित करें और चमेली के तेल का दीपक जलाएं। फिर श्री बजरंग बाण का पाठ (Bajrang Baan Ka Path) श्रद्धापूर्वक करें। आरती से पूजा को पूरी करें। ऐसा करने से जीवन में किसी चीज के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा। साथ ही भगवान हनुमान की कृपा मिलेगी, तो चलिए यहां पढ़ते हैं -

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पाठ के दौरान इन बातों का रखें ध्यान (Bajrang Baan Rules)

    • लाल रंग के वस्त्र धारण करें।
    • तामसिक चीजों से परहेज करें।
    • सात्विक भोजन करें।
    • पाठ के दौरान बोलने से बचें।
    • एक लय में इसका पाठ करें।

    ।।श्री बजरंग बाण।। (Bajrang Baan in Hindi)

    ।।दोहा।।

    निश्चय प्रेम प्रतीति ते, बिनय करैं सनमान।

    तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करैं हनुमान॥

    ।।चौपाई।।

    “जय हनुमंत संत हितकारी। सुन लीजै प्रभु अरज हमारी॥

    जन के काज बिलंब न कीजै। आतुर दौरि महा सुख दीजै॥

    जैसे कूदि सिंधु महिपारा। सुरसा बदन पैठि बिस्तारा॥

    आगे जाय लंकिनी रोका। मारेहु लात गई सुरलोका॥

    जाय बिभीषन को सुख दीन्हा। सीता निरखि परमपद लीन्हा॥

    बाग उजारि सिंधु महँ बोरा। अति आतुर जमकातर तोरा॥

    अक्षय कुमार मारि संहारा। लूम लपेटि लंक को जारा॥

    लाह समान लंक जरि गई। जय जय धुनि सुरपुर नभ भई॥

    अब बिलंब केहि कारन स्वामी। कृपा करहु उर अंतरयामी॥

    जय जय लखन प्रान के दाता। आतुर ह्वै दुख करहु निपाता॥

    जै हनुमान जयति बल-सागर। सुर-समूह-समरथ भट-नागर॥

    ॐ हनु हनु हनु हनुमंत हठीले। बैरिहि मारु बज्र की कीले॥

    ॐ ह्नीं ह्नीं ह्नीं हनुमंत कपीसा। ॐ हुं हुं हुं हनु अरि उर सीसा॥

    जय अंजनि कुमार बलवंता। शंकरसुवन बीर हनुमंता॥

    बदन कराल काल-कुल-घालक। राम सहाय सदा प्रतिपालक॥

    भूत, प्रेत, पिसाच निसाचर। अगिन बेताल काल मारी मर॥

    इन्हें मारु, तोहि सपथ राम की। राखु नाथ मरजाद नाम की॥

    सत्य होहु हरि सपथ पाइ कै। राम दूत धरु मारु धाइ कै॥

    जय जय जय हनुमंत अगाधा। दुख पावत जन केहि अपराधा॥

    पूजा जप तप नेम अचारा। नहिं जानत कछु दास तुम्हारा॥

    बन उपबन मग गिरि गृह माहीं। तुम्हरे बल हौं डरपत नाहीं॥

    जनकसुता हरि दास कहावौ। ताकी सपथ बिलंब न लावौ॥

    जै जै जै धुनि होत अकासा। सुमिरत होय दुसह दुख नासा॥

    चरन पकरि, कर जोरि मनावौं। यहि औसर अब केहि गोहरावौं॥

    उठु, उठु, चलु, तोहि राम दुहाई। पायँ परौं, कर जोरि मनाई॥

    ॐ चं चं चं चं चपल चलंता। ॐ हनु हनु हनु हनु हनुमंता॥

    ॐ हं हं हाँक देत कपि चंचल। ॐ सं सं सहमि पराने खल-दल॥

    अपने जन को तुरत उबारौ। सुमिरत होय आनंद हमारौ॥

    यह बजरंग-बाण जेहि मारै। ताहि कहौ फिरि कवन उबारै॥

    पाठ करै बजरंग-बाण की। हनुमत रक्षा करै प्रान की॥

    यह बजरंग बाण जो जापैं। तासों भूत-प्रेत सब कापैं॥

    धूप देय जो जपै हमेसा। ताके तन नहिं रहै कलेसा॥

    ।।दोहा।।

    उर प्रतीति दृढ़, सरन ह्वै, पाठ करै धरि ध्यान।

    बाधा सब हर, करैं सब काम सफल हनुमान॥

    यह भी पढ़ें: Ekadashi 2025 List: जनवरी से लेकर जुलाई तक, कब-कब एकादशी मनाई जाएगी? यहां देखें पूरी लिस्ट

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।