Haldi ki Rasam: शादी में दूल्हा-दुल्हन को क्यों लगाई जाती है हल्दी, जाने वैज्ञानिक और धार्मिक कारण
हल्दी का प्रयोग रसोई घर में मसाले के रूप में तो किया ही जाता है साथ ही इसे बहुत गुणकारी भी माना गया है। इसका प्रयोग पूजा पाठों और धार्मिक अनुष्ठानों में भी किया जाता है। शास्त्रों में इसे बहुत पवित्र माना गया है।

नई दिल्ली, आध्यात्म डेस्क। Haldi ki Rasam: भारतीय परम्परा में शादी से जुड़ी कई रस्में निभाई जाती हैं। हिंदू संस्कृति में विवाह की रस्में हफ्तेभर तक चलती हैं। उन्हीं में से एक अहम रस्म हैं हल्दी की रस्म। इसमें विवाह से पहले दूल्हा-दुल्हन को हल्दी लगाई जाती है। इस परम्परा के पीछे वैज्ञानिक तथ्य भी मौजूद हैं। आइए जानते हैं, आखिर विवाह के पहले दूल्हा-दुल्हन को क्यों लगाई जाती है हल्दी?
क्या हैं धार्मिक कारण
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार हल्दी सौभाग्य का प्रतीक है। किसी भी मांगलिक कार्य से पहले भगवान श्री हरि विष्णु का पूजन किया जाता है। भगवान विष्णु की पूजा में हल्दी का विशेष महत्व है। इसलिए शादी से पहले दूल्हा-दुल्हन को हल्दी लगाना शुभ माना जाता है। दूल्हा और दुल्हन के अच्छे भविष्य की कामना के साथ हल्दी लगाई जाती है।
क्या है हल्दी का महत्व
ज्योतिष शास्त्र में बृहस्पति को विवाह और वैवाहिक संबंधों का कारक ग्रह माना गया है। हल्दी का संबंध भी बृहस्पित से है। इसलिए शादी से पहले वर-वधू को हल्दी लगाने से वैवाहिक जीवन खुशी-खुशी बीतता है। साथ ही हल्दी लगाने से नकारात्मक ऊर्जा भी दूर रहती है।
क्यों पहना जाता है पीला
भारतीय परंपरा में हल्दी का पीला रंग बेहद शुभ माना जाता है। हल्दी की शुभता और इसका रंग दूल्हा-दुल्हने के जीवन में समृद्धि लाता है। यही वजह है कि कई संस्कृतियों में, दूल्हा और दुल्हन अपनी शादी के दिन भी पीले रंग के कपड़े पहनते हैं।
क्या कहता है विज्ञान
हल्दी में कई औषधीय गुण मौजूद हैं, जो स्वास्थ्य के लिए लाभदायक हैं। हल्दी में एंटी बैक्टीरियल और एंटीसेप्टिक गुण पाए जाते हैं। जो त्वचा को डिटॉक्स करने के साथ ही इंफेक्शन से भी बचाते हैं। हल्दी सुंदरता को और भी बढ़ा देती हैं। यह शादी से पहले होने वाली घबराहट को भी दूर करती है।
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