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    Hajj 2024: इस्लाम के पांच मुख्य स्तंभों में से एक है हज यात्रा, हर मुसलमान के लिए मानी गई है जरूरी

    Updated: Sat, 15 Jun 2024 10:00 AM (IST)

    इस्लाम धर्म में हज को विशेष महत्व दिया गया है। हज इस्लाम धर्म का तीर्थ स्थल है। इस्लाम धर्म के अनुयायी सऊदी अरब के मक्का शहर जाकर हज यात्रा करते हैं। हज (Hajj 2024) पर जाने वाले लोगों को हाजी कहा जाता है। यह इस्लामी आस्था का सर्वोच्च प्रतीक माना जाता है जिनमें तीर्थयात्री काबा के सामने सजदा करते हैं।

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    Hajj 2024 इस दिन से शुरू हो रही है हज यात्रा।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सऊदी अरब के मक्का में स्थित हज, इस्लाम धर्म का तीर्थ स्थल है। हर साल हज यात्रा के लिए लाखों श्रद्धालु सऊदी अरब के मक्का में स्थित हज की यात्रा के लिए पहुंचते हैं। सऊदी अरब के हज यात्रा (Muslims pilgrimage) की तारीख का ऐलान के बाद से हज यात्रा के लिए श्रद्धालुओं का आना शुरू हो चुका है। तो चलिए जानते हैं कि हज का इस्लाम में इसका क्या महत्व माना गया है।

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    हो चुकी है शुरुआत

    इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार, धू अल-हिज्जा, जो कैलेंडर का 12वां यानी आखिरी महीना होता है, जिसके दूसरे हफ्ते में हज यात्रा की जाती है। यह यात्रा ईद-अल-अजहा के 3 दिन बाद तक चलती है। ऐसे में 14 जून की शाम को चांद दिखने के बाद से पवित्र हज यात्रा का शुभारंभ हो चुका है और यह यात्रा 19 जून तक चलने वाली है।

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    इस्लाम में क्या है महत्व

    हज यात्रा, इस्लाम के पांच मुख्य स्तंभों में से एक है। इस्लामी मान्यताओं के मुताबिक, हज यात्रा असल में अल्लाह के प्रति अपना समर्पण दिखाने का एक तरीका है। हज का अरबी भाषा में मतलब होता है जियारत करना। ऐसा माना गया है कि शारीरिक और आर्थिक रूप से सक्षम हर मुसलमान को अपने जीवन में एक बार हज जरूर करना चाहिए।

    अल्लाह के पैगंबर, मुहम्मद ने भी हज किया था, जिसे हज्जतुल-विदा के नाम से जाता है। इसलिए, हज यात्रा खुद को अल्लाह से जोड़ने का एक बेहतरीन तरीका माना जाता है। इस दौरान यात्रा की पवित्रता को बनाए रखने के लिए कई तरह के नियमों का ध्यान भी रखा जाता है।

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।