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    Guru Tegh Bahadur Jayanti 2022: गुरु तेग बहादुर के अमूल्य विचार, जो आपको देंगे जीने की सही राह

    By Shivani SinghEdited By:
    Updated: Thu, 21 Apr 2022 09:49 AM (IST)

    Guru Tegh Bahadur Jayanti 2022 गुरु तेग बहादुर जी ने दुनिया को प्रेम एकता और भाईचारे के संदेश दिए थे। गुरु तेग बहादुर जी के 400वें प्रकाश पर्व में आप भी उनके कुछ विचारों से प्रेरणा लेकर सही रास्ते में चल सकते हैं।

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    Guru Tegh Bahadur Jayanti 2022: गुरु तेग बहादुर जी के विचार

    नई दिल्ली,Guru Tegh Bahadur Jayanti 2022: सिखों के नौवें गुरु तेग बहादुर सिंह का आज 400 वां प्रकाश वर्ष आज मनाया जा रहा है। तेग बहादुर जी का जन्म 18 अप्रैल 1621 में पंजाब के अमृतसर में हुआ था।  वह हरगोबिंद साहब के सबसे छोटे पुत्र थे। गुरु तेग बहादुर जी को आज भी एक बहादुर योद्धा के रूप में याद करते हैं। उनकी बहादुरी, गरिमा, मानवता, गरिमा और मृत्यु के विचारों को गुरु ग्रंथ साहिब में शामिल किया गया है।

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    सिख समुदाय में आज भी गुरु तेग बहादुर जी का नाम बड़े ही सम्मान के साथ लिया जाता है। वह बचपन से ही उदार चित्त, बहादुर, विचारवान स्वभाव के थे। गुरु तेग बहादुर और औरंगजेब के बीच संघर्ष का किस्सा आज भी लोगों के जुबा में है। कहा जाता है कि औरंगजेब ने गुरु तेग बहादुर को धर्म परिवर्तन करने का काफी दबाव बनाया था। इसके लिए उन्हें कई तरह की यातनाएं भी दी थी। लेकिन वह उसके सामने बिल्कुल भी नहीं झुकें और अपना जीवन धर्म की रक्षा के लिए न्योछावर कर दिया। गुरु तेग बहादुर जी ने समाज के कल्याण, आर्थिक और अध्यात्मिक उद्धार के लिए कई रचनात्मक काम किए। उन्होंने दुनिया को प्रेम, एकता और भाईचारे के संदेश दिए थे। आज गुरु तेग बहादुर जी के 400 वें प्रकाश पर्व में आप भी उनके कुछ विचारों से प्रेरणा लेकर सही रास्ते में चल सकते हैं।

    गुरु तेग बहादुर जी के विचार

    एक सज्जन व्यक्ति वह है जो अनजाने में किसी की भावनाओं को ठेस न पहुंचाए।

     गलतियां हमेशा क्षमा की जा सकती हैं, यदि आपके पास उन्हें स्वीकारने का साहस हो।

    आध्यात्मिक मार्ग पर दो सबसे कठिन परीक्षण हैं, सही समय की प्रतीक्षा करने का धैर्य और जो सामने आए उससे निराश ना होने का साहस।

    अपने सिर को छोड़ दो, लेकिन उन लोगों को त्यागें जिन्हें आपने संरक्षित करने के लिए किया है। अपना जीवन दो, लेकिन अपना विश्वास छोड़ दो।

    सफलता कभी अंतिम नहीं होती, विफलता कभी घातक नहीं होती, इनमें जो मायने रखता है वो है साहस।

    एक सज्जन व्यक्ति वह है जो अनजाने में किसी की भावनाओ को ठेस ना पहुंचाएं।

    सफलता कभी अंतिम नहीं होती, विफलता कभी घातक नहीं होती, इनमें जो मायने रखता है वो है साहस।

     जो अपने अहंकार को जीतता है और सभी चीजों के एकमात्र द्वार के रूप में भगवान को देखता है। उस व्यक्ति ने 'जीवन मुक्ति' को प्राप्त किया है, इसे असली सत्य के रूप में जानते हैं।

    Pic Credit- Instagram/punjabimarriedcouples_

    डिसक्लेमर'

    इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।