Ek Onkar Guru Nanak Vani: हर वर्ष कार्तिक पूर्णिमा के दिन नानक देव जी का जन्मदिन मनाया जाता है जो कि सिखों के पहले गुरु थे। इस वर्ष यह जयंती 30 नवंबर यानी आज है। सिख समुदाय में इस दिन को प्रकाश पर्व भी कहा जाता है और इसे बेहद उत्साह के साथ मनाया जाता है। कई जगहों पर गुरु नानक जयंती पर गुरुग्रंथ साहिब का अखंड पाठ भी कराया जाता है। इसके साथ ही गुरुद्वारे में अलग-अलग कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाता है। आज का दिन हर सिख के लिए बेहद अहम है। आज हर कोई एक-दूसरे को गुरुपुरब यानी गुरु नानक जयंती की शुभकामनाएं देता है।
ऐसा कहा जाता है कि नानक देव का सांसारिक कार्यों में मन नहीं लगता था। वे हर समय ईश्वर की भक्ति और सत्संग में लगे रहते थे। यह समर्पण देख लोगों ने इन्हें दिव्य पुरुष कहा। सिख धर्म का प्रमुख धार्मिक स्थल गुरुद्वारा है।गुरु नानक जी ने अपने परिवार को त्यागकर भारत समेत अनेक देशों की यात्राएं की और हर जगह धार्मिक एकता के उपदेशों और शिक्षाओं का प्रचार-प्रसार किया। नानक देव ने दुनिया को जीवन का नया मार्ग बताया था। आप सभी ने सुना होगा गुरुद्वारों में गुरु नानक गुरु वाणी चलती है। यह है इक ओंकार सतनाम... इक ओंकार सिख धर्म के मूल दर्शन का प्रतीक है। यह कहता है कि 'परम शक्ति एक ही है'। सिखों के लिए इस गुरुवाणी का महत्व बहुत ज्यादा है। आइए पढ़ते हैं गुरु नानक गुरु वाणी-
गुरु नानक गुरु वाणी-
इक ओंकार सतनाम करता पुरख..
अकाल मूरत
अजूनी सभम
गुरु परसाद जप आड़ सच जुगाड़ सच
है भी सच नानक होसे भी सच
सोचे सोच न हो वे
जो सोची लाख वार
छुपे छुप न होवै
जे लाइ हर लख्ता
रउखिया पुख न उतरी
जे बनना पूरिया पार
सहास्यांपा लाख वह है
ता एक न चले नाल
के वे सच यारा होइ ऐ
के वे कूड़े टूटते पाल
हुकुम रजाई चलना नानक लिखिए नाल
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