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    Guru Nanak Dev Ji Gurpurab 2019: गुरु पर्व पर जानें नानक जी के जीवन के तीन सिद्धांत, जिसे मानता है हर सिख परिवार

    Guru Nanak Dev Ji Gurpurab 2019 गुरु नानक देव जी की जयंती को गुरु पर्व प्रकाश पर्व प्रकाशोत्सव आदि नामों से जानते हैं। आज गुरुद्वारों में भजन-कीर्तन और लंगर का आयोजन होता है।

    By Kartikey TiwariEdited By: Updated: Tue, 12 Nov 2019 09:58 AM (IST)
    Guru Nanak Dev Ji Gurpurab 2019: गुरु पर्व पर जानें नानक जी के जीवन के तीन सिद्धांत, जिसे मानता है हर सिख परिवार

    Guru Nanak Dev Ji Gurpurab 2019: गुरु नानक देव जी का जन्म आज ही के दिन यानी कार्तिक पूर्णिमा को पाकिस्तान के तलवंडी में हुआ था। उनकी जयंती को गुरु पर्व, प्रकाश पर्व, प्रकाशोत्सव आदि नामों से पुकारा जाता है। इस दिन हर गुरुद्वारे में भजन-कीर्तन और लंगर का आयोजन किया जाता है। गुरु नानक देव जी ने उस समय में व्याप्त कुरीतियों के खिलाफ जागरुकता फैलाया। मूर्ति पूजा, आडम्बर, आदि का विरोध कर उन्होंने सिख धर्म की स्थापना की। उन्होंने अपने सभी अनुयायियों को सही राह दिखने के लिए जीवन के तीन सिद्धांत के बारे में बताया है। उन तीन सिद्धांतों को हर सिख परविार मानता है। आइए जानते हैं कि गुरु नानक देव जी के जीवन के तीन सिद्धांत क्या हैं: 

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    गुरु नानक देव जी के जीवन के तीन सिद्धांत हैं: नाम जपो, कीरत करो और वंड चखो। इस गुरु पर्व पर जानते हैं इन तीन सिद्धांतों का अर्थ-  

     1. नाम जपो

    गुरु नानक देव ने सिख धर्म के सभी अनुयायियों से कहा है कि प्रति दिन ईश्वर का नाम जपो, वाहेगुरु का सिमरन करो। ईश्वर के प्रति ध्यान लगाओ। उन्होंने सिखों को ईश्वर की कृपा प्राप्ति और स्मरण के लिए प्रतिदिन नितनेम बाणी का पाठ करने को कहा।   

    2. कीरत करो

    गुरु नानक देव जी ने सिख धर्म के अनुयायियों को गृहस्थ जीवन जीने और कीरत करने का उपदेश दिया है। कीरत करने का अर्थ है कि ईश्वर के उपहार और आशीर्वाद को ग्रहण करते हुए कठिन मेहनत करके ईमानदारी से कमाओ। इसके लिए तुम शारीरिक या फिर मानसिक श्रम कर सकते हो। सभी लोग सदा सत्य बोलें और केवल ईश्वर से डरें। शिष्टाचार पूर्वक अपने जीवन का निर्वाह करें, जिसमें नैतिक मूल्य और आध्यात्मिकता का समावेश हो। 

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    3. वंड चखो

    गुरु नानक देव जी के अनुसार, वंड चखो का अर्थ है कि अर्जित की गई वस्तुओं को दूसरों से साझा करो और साथ मिलकर उसका उपभोग करो। उन्होंने सिखों से कहा है कि वंड चखो सिद्धांत के तहत सभी अपने धन को अपने समुदाय में साझा करो। समुदाय या साध संगत सिख धर्म का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। 

    सिख धर्म के अनुयायी को उस साध संगत या एक समुदाय का हिस्सा बनना आवश्यक होता है, जो सिख गुरुओं के स्थापित मूल्यों का अनुसरण कर रहा है और हर सिख को अपनी क्षमता के अनुसार अर्जित वस्तुओं और धन आदि संभावित तरीके से अपने समुदाय से साझा करना होता है। गुरु नानक देव जी के महत्वपूर्ण उपदेशों में से देने का उत्साह भी एक प्रमुख उपदेश है।