Guru Chandal Yoga: क्यों गुरु चांडाल योग को माना जाता है सबसे खतरनाक? जानिए इसके लक्षण और उपाय
Guru Chandal Yoga ज्योतिष शास्त्र के अनुसार एक व्यक्ति के कुंडली में विभिन्न योग का निर्माण समय-समय पर होता रहता है। जिसका उनके जीवन पर सकारात्मक व नकारात्मक दोनों प्रभाव पड़ता है। लेकिन इन सभी में से गुरु चांडाल योग से सभी डरते हैं। आइए जानते हैं क्यों?

नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क | Guru Chandal Yoga, Jyotish Upay: ज्योतिष शास्त्र में गुरु ग्रह को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है, ऐसा इसलिए क्योंकि कार्य की सफलता व असफलता के पीछे गुरु ग्रह का विशेष योगदान होता है। लेकिन इनसे सम्बन्धित कुछ ऐसे योग भी ज्योतिष शास्त्र में बताए गए हैं, जिनका कुंडली में निर्माण होने से जातकों को कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इन्हीं में से एक 'गुरु चांडाल योग' है, जिससे सभी डरते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि इसे सबसे अशुभ और नकारात्मक परिणामों से परिपूर्ण योग माना जाता है। कुंडली में इस योग के निर्माण से व्यक्ति को कई प्रकार की असुविधाओं का सामना करना पड़ता है और उसे परिश्रम के बावजूद भी सफलता प्राप्त नहीं होती है। आइए जानते हैं, कैसे बनता है गुरु चांडाल योग, इसके लक्ष्ण और उपाय?
गुरु चांडाल योग कैसे बनता है?
ज्योतिष शास्त्र में गुरु चांडाल योग को बहुत अनिष्टकारी योग बताया गया है। इसलिए इस योग का निर्माण एक ऐसे ग्रह के युति से बनता है, जिससे सभी जातक बचने का प्रयास करते हैं। बता दें कि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गुरु चांडाल योग का निर्माण अनिष्टकारी ग्रह राहु और बुद्धि के देवता गुरु ग्रह के युति से बनता है। कुंडली में इस योग के निर्माण से जातकों के जीवन पर बहुत नकारात्मक प्रभाव पड़ता और उसे कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
गुरु चांडाल योग के लक्षण और प्रभाव (Guru Chandal Yoga Effect)
ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि जब भी किसी जातक की कुंडली में चांडाल योग का निर्माण होता है तो उसके जीवन में समस्याओं का अंत दूर-दूर तक नजर नहीं आता है। इस योग का प्रमुख लक्षण यह है कि व्यक्ति के चरित्र पर समय-समय पर लांछन लगता रहता है। जिसके कारण वह परेशान भी रहता है। साथ ही अगर जातक को परिवार, मित्र, भूमि व भवन का सुख प्राप्त नहीं हो रहा है, तो यह इस अशुभ योग के कारण हो सकता है। इसके साथ यदि प्रतिभावान छात्र भी पढ़ने में समस्याओं का सामना कर रहे हैं और जातकों को नौकरी में भी समस्याएं आ रही हैं तो उन्हें भी किसी ज्योतिष विद्वान से सलाह-विमर्श करना चाहिए।
इसके साथ हम इस योग के प्रभाव की बात करें तो चांडाल योग के कारण पिता और पुत्र में हर समय तनाव बना रहता है। साथ ही व्यक्ति को आसान निर्णय लेने भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इस योग का प्रभाव आर्थिक क्षेत्र पर भी पड़ता है और व्यक्ति को इससे जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। बता दें कि मेष, वृषभ, सिंह, कन्या, वृश्चिक, कुंभ व मीन राशि के जातकों पर इस योग अधिक दुष्प्रभाव पड़ता है।
गुरु चांडाल योग के उपाय (Guru Chadal Yoga Upay)
ज्योतिष शास्त्र में गुरु चांडाल योग से छुटकारा पाने के लिए कुछ विशेष उपाय बताए गए हैं जिन्हें करने से व्यक्ति को बहुत लाभ मिलता है और उसकी समस्याएं दूर हो जाती हैं-
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ज्योतिष की सलाह लेकर उचित रुद्राक्ष अथवा पीला पुखराज धारण करें।
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इस अशुभ योग के दुष्प्रभाव से बचने के लिए सूर्य देव की उपासना करें और सुबह उन्हें अर्घ्य जरूर दें।
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माथे पर पीले चंदन का तिलक धारण करें और गले में हल्दी की माला पहनें।
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चांडाल योग के निवारण के लिए भगवान शिव की उपासना का विशेष महत्व है। साथ ही भगवान विष्णु के सहस्रनाम का जाप करने से भी व्यक्ति को लाभ मिलता है।
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अपने से बढ़े, माता-पिता व गुरु की सेवा करने से और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने से चांडाल योग का प्रभाव कम हो जाता है और व्यवहार में आए नकारात्मक बदलाव से छुटकारा मिलता है।
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गुरु चांडाल योग से मुक्ति के लिए भगवान हनुमान की उपासना को रामबाण माना जाता है। इसलिए नितदिन जातक को हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए।
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