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    Gupt Navratri 2024: गुप्त नवरात्र शुरू होने से पहले नोट करें सामग्री की पूरी लिस्ट, नहीं आएगा पूजा में विघ्न

    By Vaishnavi DwivediEdited By: Vaishnavi Dwivedi
    Updated: Sun, 04 Feb 2024 01:50 PM (IST)

    नवरात्र का त्योहार बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। यह साल में चार बार मनाया जाता है। चैत्र नवरात्र शारदीय नवरात्र और अन्य दो गुप्त हैं इसलिए इसे गुप्त नवरात्र के नाम से जाना जाता है। गुप्त नवरात्र माघ और आषाढ़ माह के दौरान आते हैं। इस साल यह पर्व 10 फरवरी दिन शनिवार से शुरू हो रहा है। आइए इसकी सामग्री लिस्ट के बारे में जानते हैं -

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    Gupt Navratri 2024: गुप्त नवरात्र की सामग्री लिस्ट

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली।Gupt Navratri 2024: नवरात्र का पर्व मां दुर्गा की पूजा के लिए समर्पित है। यह देवी के भक्तों के लिए सबसे खास समय होता है, जब वे कई प्रकार की धार्मिक विधियां करते हैं। नवरात्र का अर्थ है कि मां भगवती को समर्पित नौ पवित्र रातें। यह त्योहार साल में चार बार मनाया जाता है। चैत्र नवरात्र, शारदीय नवरात्र और अन्य दो गुप्त हैं इसलिए इसे गुप्त नवरात्र के नाम से जाना जाता है। गुप्त नवरात्र माघ और आषाढ़ माह के दौरान आते हैं।

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    इस साल यह पर्व 10 फरवरी, 2024 दिन शनिवार शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू हो रहा है। ऐसे में जब ये पवित्र दिन इतने करीब हैं, तो इसकी सामग्री के बारे में हमे अवश्य जान लेना चाहिए, जो इस प्रकार है -

    आइए गुप्त नवरात्र की सामग्री लिस्ट के बारे में जानते हैं -

    • मां दुर्गा की प्रतिमा
    • लाल रंग का कपड़ा और चुनरी
    • लाल चूड़ियां
    • सिन्दूर
    • हल्दी
    • आम के पत्‍ते
    • बत्ती
    • धूप
    • माचिस
    • चौकी
    • 2 नारियल
    • दुर्गासप्‍तशती किताब
    • कलश
    • चावल
    • कुमकुम
    • मौली
    • 16 श्रृंगार का सामान
    • दीपक
    • घी
    • फूल
    • लाल फूलों की माला
    • लौंग
    • कपूर
    • बताशे
    • पान
    • सुपारी
    • इलायची
    • फल
    • मिठाई
    • पंच मेवा
    • हवन सामग्री पैकेट
    • आम की लकड़ी
    • जौ
    • गंगा जी मिट्टी

    देवी दुर्गा पूजा मंत्र

    सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।

    शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोऽस्तुते।।

    ॐ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी।

    दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।।

    ॐ महामायां हरेश्चैषा तया संमोह्यते जगत्,

    ज्ञानिनामपि चेतांसि देवि भगवती हि सा।

    बलादाकृष्य मोहाय महामाया प्रयच्छति।।

    दुर्गे स्मृता हरसि भीतिमशेषजन्तोः। सवर्स्धः स्मृता मतिमतीव शुभाम् ददासि।।

    दुर्गे देवि नमस्तुभ्यं सर्वकामार्थसाधिके। मम सिद्धिमसिद्धिं वा स्वप्ने सर्वं प्रदर्शय।।

    देवी दुर्गा ध्यान मंत्र

    ॐ जटा जूट समायुक्तमर्धेंन्दु कृत लक्षणाम|

    लोचनत्रय संयुक्तां पद्मेन्दुसद्यशाननाम॥

    पिण्डज प्रवरा चण्डकोपास्त्रुता।

    प्रसीदम तनुते महिं चंद्रघण्टातिरुता।।

    पिंडज प्रवररुधा चन्दकपास्कर्युत ।

    प्रसिदं तनुते महयम चंद्रघंतेति विश्रुत।

    यह भी पढ़ें: Gupt Navratri 2024: जानें कब से शुरू हो रहे हैं गुप्त नवरात्र, क्या है घटस्थापना का सही मुहूर्त और महत्व ?

    डिसक्लेमर-'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'

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