Govardhan Puja 2025 Date: कब मनाया जाएगा गोवर्धन पूजा का पर्व? अभी नोट करें डेट और शुभ मुहूर्त
वैदिक पंचांग के अनुसार कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि पर गोवर्धन पूजा (Govardhan Puja 2025) का पर्व मनाया जाता है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण की पूजा-अर्चना करने का विधान है और विशेष चीजों का दान किया जाता है। ऐसे में चलिए जानते हैं कब मनाया जाएगा गोवर्धन पूजा का पर्व।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। दिवाली के अगले दिन बाद गोवर्धन पूजा (Govardhan Puja 2025) का पर्व बेहद उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस दिन मथुरा समेत देश के कई हिस्सों में खास रौनक देखने को मिलती है। इस खास अवसर पर भगवान श्रीकृष्ण की पूजा-अर्चना करने से साधक को प्रभु की कृपा प्राप्त होती है।
गोवर्धन पूजा 2025 डेट और शुभ मूहर्त (Govardhan Puja 2025 Date and Shubh Muhurat)
वैदिक पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि की शुरुआत 21 अक्टूबर को शाम 05 बजकर 54 मिनट पर शुरू हो रही है। इस तिथि का समापन अगले दिन अगल दिन 22 अक्टूबर को रात 08 बजकर 16 मिनट पर हो रहा है। ऐसे में गोवर्धन पूजा का पर्व 22 अक्टूबर को मनाया जाएगा।
सूर्योदय और सूर्यास्त का समय
सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 26 मिनट से
सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 44 मिनट पर
चंद्रोदय - प्रातः 07 बजकर 01 मिनट से
चंद्रास्त - शाम 06 बजे
ब्रह्म मुहूर्त- सुबह 04 बजकर 45 मिनट से 05 बजकर 35 मिनट तक
विजय मुहूर्त- दोपहर 01 बजकर 58 मिनट से लेकर 02 बजकर 44 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त- शाम 05 बजकर 44 मिनट से 06 बजकर 10 मिनट तक
अमृत काल- दोपहर 04 बजे से 05 बजकर 48 मिनट तक
करें ये उपाय
गोवर्धन पूजा के दिन मां तुलसी की पूजा-अर्चना करें। देसी घी का दीपक जलाएं। तुलसी मंत्र का जप करें। ऐसा माना जाता है कि इस उपाय को करने से अन्न-धन से भंडार भरे रहते हैं और जीवन में कोई कमी नहीं होती है। परिवार के सदस्यों पर मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।
ऐसे दूर करें आर्थिक तंगी
अगर आप आर्थिक तंगी की समस्या का सामना कर रहे हैं, तो गोवर्धन पूजा के दिन सुबह स्नान करने के बाद गाय माता की पूजा-अर्चना करें। तिलक लगाकर फूलमाला पहनाएं और आखिरी में चारा खिलाएं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस उपाय को करने से आर्थिक तंगी की समस्या दूर होती है और धन लाभ के योग बनते हैं।
।।गोवर्धन पूजा मंत्र ।।
गोवर्धन धराधार गोकुल त्राणकारक।
विष्णुबाहु कृतोच्छ्राय गवां कोटिप्रभो भव।।
।।श्री कृष्ण के शक्तिशाली मंत्र।।
''श्री कृष्णाय वयं नुम:
सच्चिदानंदरूपाय विश्वोत्पत्यादिहेतवे।
तापत्रयविनाशाय श्रीकृष्णाय वयं नुम:।।
ॐ देविकानन्दनाय विधमहे वासुदेवाय धीमहि तन्नो कृष्ण:प्रचोदयात”
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