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Good Friday 2024: क्यों शोक दिवस के रूप में मनाया जाता है गुड फ्राइडे? जानिए इसके पीछे की कहानी

गुड फ्राइडे ईसाई धर्म के अनुयायियों के लिए एक महत्वपूर्ण दिन माना जाता है। भले ही इसे गुड फ्राइडे कहा जाता है लेकिन दिन को शोक दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन ईसाई लोग चर्च में प्रार्थना करते हैं। ऐसे में इस साल 29 मार्च 2024 को गुड फ्राइडे मनाया जाएगा। आइए जानते हैं इस दिन का इतिहास।

By Suman Saini Edited By: Suman Saini Published: Thu, 28 Mar 2024 09:00 PM (IST)Updated: Thu, 28 Mar 2024 09:00 PM (IST)
Good Friday 2024: क्यों शोक दिवस के रूप में मनाया जाता है गुड फ्राइडे? जानिए इसके पीछे की कहानी
Good Friday 2024: क्यों शोक दिवस के रूप में मनाया जाता है गुड फ्राइडे?

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Good Friday 2024: गुड फ्राइडे का दिन मुख्य रूप से ईसाई धर्म के संस्थापक ईसा मसीह से संबंधित है। ईसाई धर्म के मुख्य देवता ईसा मसीह ने दुनिया को प्रेम का संदेश दिया था। गुड फ्राइडे को होली फ्राइडे, ब्लैक फ्राइडे, या फिर ग्रेट फ्राइडे के नाम से भी जाना जाता है। तो चलिए जानते हैं कि गुड फ्राइडे का दिन ईसाई धर्म के लिए इतना महत्व क्यों रखता है।

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क्यों मनाया जाता है गुड फ्राइडे

ईसाई धर्म ग्रंथों के अनुसार, रोम में ईसा मसीह काफी लोकप्रिय थे, तब वहां के धर्म गुरुओं को अपनी लोकप्रियता कम होने का डर सताने लगा। तब यहूदी शासकों ने प्रभु यीशु पर राजद्रोह का आरोप लगाया और उन्हें मृत्युदंड की सजा सुनाई। इस दौरान ईसा मसीह को कई तरह की यातनाएं दी और फिर उन्हें सूली में लटका दिया।

माना जाता है कि जिस दिन प्रभु यीशु ने अपने प्राण त्यागे थे, उस दिन शुक्रवार था। साथ ही यह भी माना जाता है कि अपनी मौत के दो दिन बाद यानी रविवार के दिन ईसा मसीह दोबारा जीवित हो गए थे। इसलिए हर साल ईस्टर सन्डे से पहले पड़ने वाले शुक्रवार को गुड फ्राईडे मनाया जाता है।

इस तरह मनाया जाता है यह दिन

गुड फ्राइडे के दिन लोग चर्च जाकर प्रार्थना करते हैं और प्रभु यीशु के बलिदान को याद करते हैं। साथ ही इस दिन लोग प्रभु ईसा से अपनी गलतियों के लिए माफी मांगते हैं और प्रभु ईशु द्वारा बताए गए प्रेम और विश्वास के मार्ग पर चलने की शपथ लेते हैं।

इस दिन पर काले कपड़े पहनकर प्रभु यीशु के प्रति शोक प्रकट करने की परम्परा है। साथ ही गुड फ्राइडे के दिन चर्च में न तो घंटी नहीं बजती है और न ही कैंडिल जलाई जाती हैं। क्योंकि ईसा मसीह लोगों की भलाई के लिए ही सूली पर चढ़े थे, इसलिए इस दिन को बहुत ही पवित्र माना जाता है और इसे गुड फ्राइडे के नाम से जाना जाता है।

डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'


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