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    कुल्लू के देवी-देवता स्वर्ग प्रवास पर

    By Neeraj Kumar Azad Edited By:
    Updated: Mon, 14 Dec 2015 05:05 PM (IST)

    अब एक से तीन माह तक नहीं होंगे देवी-देवताओं के दर्शन मंदिर के आसपास रेडियो, टेलीविजन भी रहेंगे बंद चारपाई पर नहीं सो सकेंगे देवता के मुख्य कारकून


    अब एक से तीन माह तक नहीं होंगे देवी-देवताओं के दर्शन
    मंदिर के आसपास रेडियो, टेलीविजन भी रहेंगे बंद
    चारपाई पर नहीं सो सकेंगे देवता के मुख्य कारकून

    जिला कुल्लू में पौष मास की संक्रांति से करीब दो सौ देवी-देवताओं के कपाट एक से तीन माह के लिए बंद हो जाएंगे। अधिकतर देवताओं के कपाट माघ संक्रांति के दिन खुलेंगे। बंजार घाटी के सौ से अधिक देवी-देवताओं के अलावा सैंज, गड़सा व बजौरा क्षेत्र के देवी-देवता स्वर्ग प्रवास पर जाएंगे तथा इस दौरान किसी तरह से कोई भी धार्मिक आयोजन नहीं होंगे। जिन देवी देवताओं के कपाट बंद रहते हैं उन देवी-देवताओं के हारयान क्षेत्र में कोई भी देव कारज आदि नहीं होते। हालांकि कई बार विवाह-शादी, मुंडन संस्कार, यज्ञ आदि होते हैं लेकिन वहां देवता के निशान जैसे घंटी, धड़छ, कटार आदि को ले जाया जाएगा।

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    बिजली महादेव के कपाट चैत्र संक्रांति को खुलेंगे
    जिला मुख्यालय के साथ सटी खराहल की पहाड़ी पर विराजमान देवता बिजली महादेव के कपाट तीन माह बाद चैत्र संक्रांति को खोला जाएगा। मणिकर्ण घाटी के छेऊंर स्थित मंगलेश्वर महादेव के देवालय के कपाट माघ माह की संक्रांति को बंद हो जाएंगे। कपाट बंद होने के सात दिन बाद छेऊंर में सदियाला उत्सव का आयोजन होगा जिसमें हारयान क्षेत्र के सैकड़ों लोग आधी रात को मशाल लेकर निकलेंगे। इसी तरह मणिकर्ण घाटी से देवी भागासिद्ध, देवी महिषासुर मर्दनी, देवी पटंती, देव छमाहणी नारायण, देव बड़ोगू नारायण, देव गार्गाचार्य, लक्ष्मी नारायण सहित अन्य देवी देवताओं के कपाट माघ मास की सक्रांति को बंद हो जाएंगे और फाल्गुन मास की सक्रांति को खुलेंगे।

    बंजार के 111 देवता रहेंगे स्वर्ग प्रवास पर
    बंजार घाटी के सभी 111 देवी-देवता पौष मास की सक्रांति से लेकर माघ की सक्रांति तक स्वर्ग प्रवास पर रहेंगे। इनमें देव शृंगा ऋषि, बालू नाग, बूढ़ी नागिन, शेष नाग, ऋषि मारकंडेय बलागाड़, ऋषि मारकंडेय पेड़चा, बुंगड़ू महादेव सहित अन्य देवी देवताओं के देवालयों के कपाट मंगलवार से बंद हो जाएंगे। जब यह देवी-देवता स्वर्ग प्रवास से लौटेंगे तो देवालय में भव्य आयोजन के साथ स्वर्ग लोक में हुई विभिन्न गतिविधियों को भविष्यवाणी के जरिए अपने गुरों के माध्यम से हारयानों को बताएंगे। इस भविष्यवाणी को भारथा कहते हैं और देवताओं के गुर वर्ष भर के लिए भविष्यवाणी भी करेंगे। मान्यता है कि देवी-देवता स्वर्ग प्रवास के दौरान राजा इंद्र की सभा में कई विषयों पर चर्चा करते हैं।

    कुल्लू में 485 देवी-देवता पंजीकृत
    जिला देवी-देवता कारदार संघ के महासचिव टीसी मंहत ने कहा कि जिला कुल्लू में 485 देवी-देवता पंजीकृत हैं, जो अलग-अलग समय पर स्वर्ग प्रवास पर जाते हैं। पौष सक्रांति के दिन जिला के करीब 200 देवी-देवता स्वर्ग प्रवास के लिए रवाना होंगे। इसमें से अधिकतर देवी-देवता माघ सक्रांति को धरती पर लौटेंगे। कुछ देवता माघ मास की सक्रांति को स्वर्ग प्रवास के लिए निकलेंगे। उन्होंने कहा कि इस दौरान न तो देवी-देवताओं के लोग दर्शन कर पाएंगे और न ही हारयान क्षेत्र में किसी तरह के देव कारज होंगे।

    रेडियो, टेलीविजन पर रहेगा प्रतिबंध
    मंगलेश्वर महादेव के हारयान क्षेत्र से पुरोहित नेत्र प्रकाश शर्मा ने कहा कि मंगलेश्वर महादेव सहित कई देवी-देवता माघ मास की सक्रांति को स्वर्ग प्रवास पर निकलेंगे। पूरे माघ माह में देवता के मंदिर के आसपास वाले घरों में रेडियो, टेलीविजन व अन्य किसी भी तरह के शोर शराबे पर प्रतिबंध रहेगा। देवता के कारकून भी चारपाई पर नहीं सोएंगे। माह भर हारयान क्षेत्र के लोग देव आज्ञा का पालन करेंगे और शुद्धता को बनाए रखेंगे। बिजली महादेव के कारदार अमर नाथ ने कहा कि पौष मास की संक्रांति से देवालय के कपाट बंद होंगे और चैत्र मास की सक्रांति को ही खुलेंगे।
    -प्रस्तुति : शम्भू प्रकाश शर्मा