Glass Bangles: वैवाहिक जीवन में खुशहाली लाती हैं कांच की चूड़ियां, जानिए कैसे पड़ता है स्वास्थ्य पर प्रभाव
Glass Bangles आपने देखा होगा कि शादीशुदा महिलाएं हमेशा अपने हाथों में चूड़ियां पहने रखती हैं। हिंदू धर्म में चूड़ियों को सुहाग का प्रतीक माना जाता है। चूड़ियां न केवल महिलाओं के हाथों की खूबसूरती बढ़ाती हैं बल्कि इनका धार्मिक महत्व भी है। भारतीय परंपरा के अनुसार चूड़ियां का संबंध वैवाहिक जीवन में प्रेम और स्नेह से है। चलिए जानते हैं कि चूड़ियों स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित करती हैं।

नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Glass Bangles: आपने गौर किया होगा कि भारत में विवाहित महिलाएं हाथों में चूड़ियां पहनती है। कांच की चूड़ियां सुहागन महिलाओं के श्रृंगार का महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। क्या आपने कभी सोचा है कि सिर्फ कांच की चूड़ियां ही सुहाग का प्रतीक क्यों मानी जाती है। तो चलिए जानते हैं हिंदू धर्म में चूड़ियों का क्या महत्व है।
कांच की चूड़ियों का धार्मिक महत्व
भारत में वैदिक काल से ही महिलाओं के बीच कांच की चूड़ियों का चलन रहा है। ये महिलाओं के सोलह श्रृंगार में शामिल हैं। हिंदू धर्म में देवियों एवं भारत की रानियों के श्रृंगार में चूड़ियों को विशेष रुप से प्रदर्शित किया जाता है। इतना ही नहीं चूड़ियों का दान करना भी बहुत ही शुभ माना गया है। हरी चूड़ियों का दान करने से बुध ग्रह शांत होता है।
स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक
यदि हाथ में पहनी हुई कांच की चूड़ी टूट जाए तो यह नुकसानदायक हो सकती है परंतु इस खतरे के अलावा बाकी सारी चीजें फायदे वाली हैं। चूड़ियां हाथ में घर्षण करती हैं। चूड़ियों के आपस में टकराने (घर्षण) से महिलाओं के शरीर में एनर्जी बनी रहती है। चूड़ियों की आवाज से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इसके अलावा चूड़ियों के कंपन से महिलाओं के शरीर में रक्त का संचार कंट्रोल रहता है। कलाई पर जहां चूड़ियां पहनी जाती है वह 6 इंच तक एक्युपंचर प्वाइंट होते हैं। इन पर नियमित रूप से प्रेशर बनने के कारण शरीर स्वस्थ बना रहता है। हाथ में कांच की चूड़ियां पहनने से महिलाएं स्वास्थ्य एवं हृदय की बीमारियों के खतरे से दूर हो जाती है।
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