Gifts And Grah: दूसरे से मिले गिफ्ट आपको कंगाल बना सकते हैं? ग्रहों पर पड़ता है असर
Gifts And Grah बहुत कम ही लोग जानते हैं कि आपके लोगों को दिए हुए गिफ्ट या फिर आपको दूसरों से मिले हुए उपहार आपके ग्रहों पर बेहद गहरा असर डालते हैं।
Gifts And Grah: अक्सर दोस्तों और रिश्तेदारों को गिफ्ट देते समय हम सबसे पहली या तो उनकी पसंद या फिर अपनी जेब का ध्यान रखते हैं, पर क्या आप जानते हैं आपका किसी को दिया हुआ गिफ्ट आपको कंगाल या फिर धनवान भी बना सकता है। ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास ने बताया कि सुनकर हैरानी जरूरी हो सकती है, लेकिन यह सच है। बहुत कम ही लोग जानते हैं कि आपके लोगों को दिए हुए गिफ्ट या फिर आपको दूसरों से मिले हुए उपहार आपके ग्रहों पर बेहद गहरा असर डालते हैं।
जब कोई व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति को किसी वस्तु का दान देता है तो उसके पीछे यही धारणा होती है कि अशुभ फल देने वाले ग्रहों से संबंधित वस्तु को बांट दिया जाए, ताकि उसकी अशुभता को कम किया जा सके। लेकिन अगर आप अनजाने में ही अपने शुभ फलदायी ग्रहों से संबंधित किसी वस्तु को दान या उपहार स्वरूप बांट देते हैं तो उसकी शुभता में भी कमी आ जाती है। जिसकी वजह से वो संबंधित शुभ ग्रह उस साल व्यक्ति को अपेक्षित परिणाम नहीं देता है। ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास के अनुसार, आइए जानते हैं कुडंली में किस ग्रह के मजबूत होने पर किस चीज का उपहार या दान देने से बचना चाहिए।
सूर्य: यदि आपकी कुंडली में सूर्य अच्छी स्थिति में हो तो तांबे से बनी वस्तु, माणिक्य, पुरातन महत्व की वस्तु, विज्ञान से संबंधित वस्तु ग्रहण करना उचित रहता है। वहीं अगर कुंडली में सूर्य नीच या खराब जगह हो तो ये सभी चीजें उपहार में देना उचित माना जाता है। ऐसा न करने में पदोन्नति में रुकावटें, पिता को कष्ट आदि जैसे संबंधित फल मिल सकते हैं।
चंद्रमा: चांदी की बनी वस्तु, चावल, सीप, मोती, आदि सभी चीजें चंद्रमा का कारक मानी जाती हैं। ये सभी वस्तुएं कुडंली में चंद्रमा की स्थिति खराब होने पर दूसरों को भेंट करनी चाहिए, न कि ग्रहण करनी चाहिए। ये सभी वस्तुएं सिर्फ तभी ग्रहण करें, जब चंद्रमा अच्छी स्थिति में हो वरना घर में कलह, चिंता, व्यर्थ भागदौड़ आदि हो सकती है।
मंगल: यदि आपकी कुंडली में मंगल खराब का हो तो दूसरे व्यक्ति से मिठाई का डिब्बा उपहार में स्वीकार न करें। बल्कि ऐसी स्थिति में मिठाई का डिब्बा दूसरे व्यक्ति को देने में बिल्कुल भी संकोच न करें।
बुध: यदि कुंडली में बुध की दशा खराब हो तो कभी भी दूसरे व्यक्ति को कलम, खिलौने, खेलकूद का सामान दान न करें। अन्यथा व्यापार में या छोटी बहन को तकलीफ हो सकती है। कुंडली में बुध यदि अच्छी जगह हो तो ये सभी चीजों लेने में संकोच न करें।
गुरु: यदि आप अपने गुरु की स्थिति को अच्छा करना चाहते हैं तो लोगों को धार्मिक पुस्तकें, सोने से बने उपहार, पीले वस्त्र, केसर आदि का दान करें। लेकिन अगर कुंडली में गुरु शुभ फलदाता के रूप में विराजमान हैं तो इन चीजों का दान करने गुरु के फलों में कमी आ सकती है। जिसकी वजह से धन की कमी, व्यापार या सरकारी सेवा में तरक्की में रुकावटें हो सकती हैं।
शुक्र: सुगंधित द्रव्य, रेशमी वस्त्र, चार पहिया वाहन, सुख-सुविधा का सामान, स्त्रियों के काम आने वाली वस्तुएं ये सभी चीजें शुक्र का कारक मानी जाती हैं। अगर कुंडली में शुक्र अशुभ फलदायी हों तो ये सभी चीजें बांटें लेकिन ग्रहण करना उचित नहीं है। ऐसा करने पर व्यक्ति को बिना किसी वजह स्त्रियों से पीड़ा, वैमनस्य, मूत्र रोग का कारण बन सकते हैं।
शनि: यदि कुंडली में शनि की दशा खराब हो तो पार्टियों में शराब परोसने से बचें, लेकिन अच्छा शनि हो तो ऐसी पार्टियों में जाएं, परंतु स्वयं आयोजन नहीं करें।
राहु: बिजली के उपकरण, कार्बन, दवाइयां इन सभी वस्तुओं का संबंध राहु से होता है।
केतु: कंबल, जूते, चप्पल, कुत्ता, चाकू, छुरी, मछली से बने व्यंजन आदि वस्तुएं केतु से जुड़ी हुई होती हैं। विपरीत लेन-देन होने पर व्यक्ति को कान के रोग, पैरों पर चोट और पुत्र को पीड़ा का कारण बन सकता है।
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