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    Gayatri Jayanti 2023: गायत्री जयंती कब? इन कार्यों को करने से मिलेगी विद्यार्थी जीवन में सफलता

    By Suman SainiEdited By: Suman Saini
    Updated: Tue, 29 Aug 2023 12:24 PM (IST)

    Gayatri Jayanti 2023 सनातन धर्म में गायत्री जयन्ती का विशेष महत्व है। गायत्री जयन्ती देवी गायत्री के जन्मदिवस के उपलक्ष में मनायी जाती है। समस्त वेदों की देवी होने के कारण देवी गायत्री को वेद माता के रूप में भी जाना जाता है। आइए जानते हैं कि गायत्री जयंती पर किन कार्यों को करने से विद्यार्थी जीवन में लाभ प्राप्त हो सकता है।

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    Gayatri Jayanti 2023 गायत्री जयंती पर विद्यार्थी करें ये काम।

    नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Gayatri Jayanti 2023: शास्त्रों के अनुसार, माता गायत्री का जन्म श्रावन पूर्णिमा तिथि के दिन हुआ था। इसलिए इस दिन को उनकी जयंती के रूप में मनाया जाता है। अधिकांश लोग, विशेष रूप से दक्षिण भारत में, श्रावण माह की पूर्णिमा तिथि पर गायत्री जयंती मनाते हैं। विचारों में भिन्नता के चलते कई स्थानों पर गायत्री जयन्ती ज्येष्ठ चन्द्र माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर भी मनायी जाती है।

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    गायत्री जयंती 2023 तिथि (Gayatri Jayanti 2023 date)

    वैदिक पंचांग के अनुसार, श्रावन शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि का शुभारंभ 30 अगस्त को सुबह 10 बजकर 58 मिनट पर होगा और इसका समापन 31 अगस्त को सुबह 07 बजकर 05 मिनट पर हो जाएगा। इसलिए उदया तिथि के अनुसार, गायत्री जयंती 31 अगस्त 2023, गुरुवार के दिन मनाई जाएगी।

    गायत्री जयंती का महत्व (Gayatri Jayanti Significance)

    श्रावण पूर्णिमा की गायत्री जयन्ती का दिन संस्कृत दिवस के रूप में मनाया जाता है। देवी गायत्री को समस्त देवताओं की माता तथा देवी सरस्वती, देवी पार्वती एवं देवी लक्ष्मी का अवतार माना जाता है। साथ ही गायत्री मंत्र को भी गायत्री मंत्र को महामंत्र भी कहा जाता है। हिंदू धर्म में इसका महत्व सर्वोपरि माना गया है।

    गायत्री जंयती पर छात्र करें ये उपाय

    गायत्री जयंती के दिन छात्र सूर्योदय से पहले उठकर स्नान आदि करने के बाद पूजा स्थल पर पूर्व दिशा में मुख करके बैठें। बैठने के लिए कुशा या लाल रंग के आसन का उपयोग करें।

    इस तरह करें गायत्री मंत्र का जाप

    विद्यार्थी जीवन में गायत्री मंत्र का जाप करने से कई प्रकार के लाभ मिलते हैं। जाप से पहले तांबे के पात्र में गंगाजल भरकर, तुलसी डालें और अपने समक्ष रखें। अब घी का दीपक जलाकर रुद्राक्ष की माला से 108 बार गायत्री मंत्र का जाप करें।

    कुशाग्र होगी बुद्धि

    जाप के पश्चात जल को अपने शयनकक्ष में छिड़कें और तुलसी के पत्ते का सेवन करें। मान्यता है कि नियमित रूप से ऐसा करने पर बच्चों की बुद्धि तेज होती है। जिससे शिक्षा के क्षेत्र में उन्हें नई ऊचाइंया प्राप्त होती हैं।

    डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'

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