Garuda Purana: गरुड़ पुराण के अनुसार इन चार कार्यों से करें दिन की शुरुआत
Garuda Purana गरुड़ पुराण में जीवन का सार छिपा हुआ है। जो व्यक्ति गरुड़ पुराण में बताए नियमों का पालन करता है उसे सदैव सफलता प्राप्त होती है। गरुड़ पुराण के इस भाग में जानिए किसे माना जाता है श्रेष्ठ व्यवहार।

नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क | Garuda Purana: हिन्दू धर्म में गरुड़ पुराण को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। 18 महापुराणों में से गरुड़ पुराण का महत्व बहुत अधिक है। गरुड़ पुराण में भगवान विष्णु और उनके प्रिय वाहन गरुड़ देव के बीच हुए वार्तालाप को संलिप्त किया गया है। माना जाता है कि जो व्यक्ति गरुड़ पुराण में दी गई शिक्षा को ध्यान में रखकर पालन करता है, उसे जीवन में सदैव सफलता प्राप्त होती है। हिन्दू धर्म में गरुड़ पुराण का महत्व इसलिए भी अधिक है, क्योंकि इसे भगवान विष्णु का रूप माना जाता है। साथ ही परिवार के किसी सदस्य की मृत्यु के बाद घर पर गरुड़ पुराण का पाठ निश्चित रूप से किया जाता है। बता दें कि इस महापुराण में दिनचर्या के सन्दर्भ में भी कई बातें बताई गई हैं। जिनका पालन करने से व्यक्ति को स्वास्थ्य, धन और भाग्य का भरपूर साथ मिल सकता है।
गरुड़ पुराण में बताई इन कार्यों से करें दिन की शुरुआत
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गरुड़ पुराण में बताया गया है कि व्यक्ति को दिन की शुरुआत भगवान के दर्शन और विधिवत पूजा से करनी चाहिए। जो व्यक्ति अपने दिन की शुरुआत भगवान और अपने पितरों का आशीर्वाद लेकर करता है, उसे जीवन में सदैव सफलता प्राप्त होती है।
महापुराण में यह भी बताया गया है कि घर पर भोजन करने से पहले उसका कुछ हिस्सा भगवान को भोग के रूप में जरूर अर्पित करना चाहिए। ऐसा करने से माता अन्नपूर्णा का आशीर्वाद सदैव परिवार पर बना रहता है। साथ ही देवी-देवता प्रसन्न होते हैं। केवल इस बात का ध्यान रखें कि भोजन शत-प्रतिशत सात्विक हो यानी बिना किसी प्याज-लहसुन का प्रयोग करके बनाया गया हो।
गरुड़ पुराण में भगवान विष्णु बता रहें हैं कि मेरा सच्चा भक्त वही है, जो जरूरतमंदों की सेवा करता है। इसलिए जब भी मौका मिले, किसी न किसी गरीब या जरूरतमंद व्यक्ति की सामर्थ्य के अनुसार, सेवा या दान-पुण्य अवश्य करें। ऐसे ही व्यक्ति को स्वर्ग की प्राप्ति होती है और जीवन में धन की कमी कभी नहीं होती है।
गरुड़ पुराण में बताया गया है कि दिन में कम से कम एक बार व्यक्ति को आत्मचिंतन अवश्य करना चाहिए। ऐसा करने से स्वयं द्वारा लिए गए सही-गलत के फैसलों में भेद समझ में आएगा और व्यक्ति भविष्य में सावधानी से महत्वपूर्ण निर्णय ले पाएगा।
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