Garuda Purana: कर्मों के आधार पर किस रूप में मिलता है पुनर्जन्म, जानें गरूण पुराण की ये बातें
जिस व्यक्ति ने जन्म लिया है उसकी मृत्यु भी निश्चित है। अगले जन्म को लेकर हर व्यक्ति की अपनी-अपनी मान्यता होती है। गरुण पुराण में माना गया है कि इस जन्म के कर्म हमारे अगले जन्म का निर्धारण करते हैं।

नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Garuda Purana: विज्ञान के अनुसार मृत्यु ही जीवन का अंत है। लेकिन गीता में बताया गया है कि मृत्यु के बाद केवल शरीर नष्ट होता है आत्मा नहीं। आत्मा पुराने शरीर को छोड़कर नए शरीर को धारण करती है। गरुड़ पुराण में कुल 84 लाख योनियों के बारे में बताया गया है। इसमें मनुष्य योनि को सबसे श्रेष्ठ योनि माना गया है। व्यक्ति को अच्छे कर्म करने के बाद ही मनुष्य योनि में जन्म मिलता है।
इन कर्मों पर किस योनि में मिलता है जन्म
जो व्यक्ति धर्म, वेद, पुराण जैसे धार्मिक ग्रंथों का अपमान करता है या ईश्वर में श्रद्धा नहीं रखता वह दंड का भागी माना जाता है। ऐसे लोगों को अगले जन्म में कुत्ते के रूप में जन्म मिलता है। वहीं गरुड़ पुराण के अनुसार, जो व्यक्ति मित्र के साथ छल करता है उसका अगला जन्म गिद्ध के रूप में होता है।
किन लोगों का होता है उल्लू के रूप में पुनर्जन्म
कुछ लोगों को दूसरों को मूर्ख बनाने में बड़ा मजा आता है। अपनी चालाकी के चलते जो लोग दूसरों को मुर्ख बनाकर उनका लाभ उठा लेते हैं या काम निकलवा लेते हैं। ऐसे लोगों को मृत्यु के बाद नरक में स्थान मिलता है। साथ ही ऐसे लोग अगले जन्म में उल्लू के रूप में जन्म लेते हैं।
गाली-गलौच करने के क्या हैं नुकसान
आज के समय में गाली-गलौच करना बहुत ही आम बात हो गई है। कंठ में मां सरस्वती का वास माना जाता है। इसलिए जिन लोगों की वाणी में मधुरता नहीं होती या जो लोग दूसरों को बुरा-भला कहते हैं उनका अगल जन्म बकरे के रूप में होता है।
By- Suman Saini
डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।