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    Gangajal Rakhne ke Niyam: जान लीजिए घर में गंगाजल रखने के नियम, बनी रहेगी खुशियां

    By Jagran NewsEdited By: Suman Saini
    Updated: Thu, 25 May 2023 10:35 AM (IST)

    जिनता महत्व पवित्र नदी गंगा का है उतना ही महत्व गंगाजल का भी है। चाहे बच्चे का जन्म हो या किसी व्यक्ति की मृत्यु गंगाजल से सभी को पवित्र किया जाता है। ...और पढ़ें

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    Gangajal Rakhne ke Niyam जान लीजिए घर में गंगाजल रखने के नियम

    नई दिल्ली, आध्यात्म डेस्क। Gangajal Rakhne ke Niyam: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गंगा नदी स्वर्ग में बहती थी। इसे मनुष्यों के उद्धार के लिए पृथ्वी पर लाया गया था। भारतीय परम्परा में गंगा नदी को बहुत ही पवित्र माना गया है। ऐसी मान्यता है कि गंगा में डुबकी लगाने से मनुष्य के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। यही कारण है कि तीज-त्योहारों पर बड़ी संख्या में लोग गंगा तट पर स्नान-दान आदि के लिए पहुंचते हैं। कुछ लोग घर में गंगाजल रखते हैं। घर में गंगाजल रखने के भी कुछ नियम हैं जिससे उसकी पवित्रता बनी रहती है।

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    क्या हैं गंगाजल रखने के नियम

    हिंदू धर्म में गंगाजल को बहुत पवित्र माना गया है। यह तन, मन और आत्मा को पवित्र करता है, इसलिए कभी भी इसे किसी गंदे या अपवित्र स्थान पर नहीं रखना चाहिए। न ही इसे कभी भी बिना नहाए न छुएं। इस बात का भी ध्यान रखें कि इसे कभी भी जूठे हाथ या जूते-चप्पल पहनकर भी नहीं छुना चाहिए। 

    किस बर्तन में रखें गंगाजल

    पूजा के दौरान संकल्प लेते समय प्रयोग में लाए जाने वाले गंगाजल को हमेशा कांसे या तांबे के बर्तन में भरकर रखना चाहिए। इसे प्लास्टिक के बर्तन में रखने से बचें। गंगाजल को किसी अंधेरे वाली जगह पर बंद करके नहीं रखना चाहिए।

    किस दिशा में रखें गंगाजल

    गंगा जल को हमेशा अपने घर के ईशान कोण यानी पूजा घर में ही रखना चाहिए। माना जाता है कि इस दिशा में देवताओं का वास होता है। अगर आपके पास थोड़ी मात्रा में गंगाजल है तो आप पूजा वाले जल में उसे मिलाकर गंगाजल की तरह ही प्रयोग कर सकते हैं। यह भी कहा जाता है कि गंगाजल को स्पर्श करके कभी झूठ नहीं बोलना चाहिए।

    डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'