Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Ganga Saptami 2024: गंगा सप्तमी के दिन घर पर अवश्य लाएं ये एक चीज, समाप्त होगा ग्रह और वास्तु दोष

    हिंदू धर्म में गंगा सप्तमी (Ganga Saptami 2024) का पर्व बेहद शुभ माना जाता है। इस दिन लोग मां गंगा की पूजा करते हैं। पंचांग के अनुसार यह हर साल वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को मनाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि माता गंगा की पूजा करने से सभी पापों का नाश होता है। साथ ही जीवन कल्याण की ओर अग्रसर होता है।

    By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Fri, 03 May 2024 01:15 PM (IST)
    Hero Image
    Ganga Saptami 2024: गंगा सप्तमी पर घर लाएं यह चीज

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Ganga Saptami 2024: गंगा नदी भारत की सबसे पवित्र नदियों में से एक मानी जाती है, जो शिव जी की जटा में विराजमान हैं। उनकी पूजा के लिए गंगा सप्तमी का पर्व विशेष माना गया है। मां गंगा की उत्पत्ति वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को हुई थी, इसलिए हर साल इस दिन को गंगा सप्तमी के रूप में मनाया जाता है। स्कंद पुराण के अनुसार, इसी दिन ब्रह्मा जी के कमंडल से मां गंगा का जन्म हुआ था। इस साल गंगा सप्तमी 14 मई, 2024 को मनाई जाएगी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    गंगा सप्तमी पर घर लाएं यह चीज

    ऐसा कहा जाता है कि गंगा सप्तमी के दिन घर में गंगाजल जरूर लाना चाहिए। जो लोग ऐसा करते हैं उनके घर से ग्रह और वास्तु दोष समाप्त होता है। इसके साथ ही सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इसके अलावा यह घर का वातावरण शुद्ध करता है और घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है, लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि गंगाजल पूजा कक्ष में ही स्थापित किया जाए।

    यह भी पढ़ें: Varuthini Ekadashi 2024: भगवान विष्णु की पूजा के समय जरूर करें ये आरती, चंद दिनों में दूर होंगे सभी कष्ट

    इस दिन मनाई जाएगी गंगा सप्तमी

    वैदिक पंचांग के अनुसार, वैशाख माह के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली सप्तमी तिथि की शुरुआत 13 मई, 2024 शाम 5 बजकर 20 मिनट पर होगी। वहीं, अगले दिन यानी 14 मई, 2024 शाम 6 बजकर 49 मिनट पर इस तिथि का समापन होगा। पंचांग को देखते हुए गंगा सप्तमी का पर्व 14 मई, 2024 को मनाया जाएगा।

    गंगा सप्तमी का पूजन मंत्र

    • ॐ नमो गंगायै विश्वरुपिणी नारायणी नमो नम:
    • गंगा गंगेति यो ब्रूयात, योजनानाम् शतैरपि। मुच्यते सर्वपापेभ्यो, विष्णुलोके स गच्छति

    यह भी पढ़ें: Ekadashi in May 2024: मई में कब-कब मनाई जाएगी एकादशी? यहां जानिए सही डेट- शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

    डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'