Ganga Snan: क्या गंगा में स्नान से धुल जाते हैं सारे पाप, जानिए क्या कहते हैं शास्त्र
हिंदू धर्म में गंगा नदी को एक देवी की तरह ही पूजनीय और पवित्र माना जाता है। इसी के साथ गंगा मैया को पतित पाविनी शिवशीष धारिणी और देव नदी जैसे कई नामों से जाना जाता है। कई लोगों का यह मानना है कि गंगा में स्नान करने से व्यक्ति द्वारा जाने-अनजाने में किए गए पाप भी धुल जाते हैं पर क्या ऐसा सच में है?
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू धर्म ग्रंथों में गंगा को कलयुग का तीर्थ कहा गया है इसी के साथ गंगा मैया पापमोचनी भी कहलाती हैं। धार्मिक मत है कि गंगा में डुबकी (Ganga Snan) लगाने मात्र व्यक्ति के सारे पाप धुल जाते हैं। ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि गंगा नदी में स्नान के समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, ताकि आप स्नान का पूर्ण फल प्राप्त कर सकें।
किन पापों से मिलती है मुक्ति
गंगा नदी में श्रद्धापूर्वक डुबकी लगाने से मृत्यु के बाद जन्म-मरण के बंधन से मुक्त होकर मोक्ष को प्राप्त करता है। इसी के साथ व्यक्ति की आध्यात्मिक शक्ति का भी विकास होता है। शास्त्रों में वर्णन मिलता है, कि गंगा स्नान से आप केवल उन्हीं पापों से मुक्ति पा सकते हैं, जो आपसे भूलवश हुए हैं। ऐसे में अगर कोई व्यक्ति जानबूझकर कोई पाप कर रहा है, तो उसे कई पुण्य करने के बाद भी उस पाप से मुक्ति नहीं मिलती।
इस तरह करें स्नान
सबसे पहले गंगा मैया का दर्शन करें और उन्हें हाथ जोड़कर प्रणाम करें। इसी के बाद नदी में प्रवेश करना चाहिए। गंगा में पहले पैर न डालें। नदी में प्रवेश करने से पहले थोड़ा-सा गंगाजल हाथ में लेकर इसे अपने माथे से लगाएं। इसके बाद स्नान करना शुरू करें।
स्नान के दौरान आपको कम-से-कम 3, 5 या 7 डुबकी लगानी चाहिए। माना जाता है कि पूर्णिमा, गंगा दशहरा और अमावस्या आदि तिथियों पर गंगा में स्नान करने का व्यक्ति को अधिक लाभ मिलता है।
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(Picture Credit: Freepik)
नहीं मिलेगा स्नान का फल
गंगा स्नान के समय कुछ बातों का ध्यान रखना भी जरूरी है, वरना आप स्नान का कोई लाभ नहीं मिलता। गंगा स्नान के दौरान साबुन, शैम्पू जैसी चीजों का इस्तेमाल न करें। गंगा में किसी भी तरह की गंदगी डालने से भी बचें। स्नान के बाद शरीर को कपड़े से पोंछने की बजाय ऐसे ही सूखने दें।
वहीं महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान गंगा स्नान नहीं करना चाहिए। इन सभी बातों का ध्यान न रखने पर गंगा माता आपसे नाराज हो सकती हैं और आप गंगा स्नान के पूर्ण फल से वंचित रह जाते हैं।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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