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    Ganesh Utsav 2023: भगवान गणेश से सीखें लाइफ मैनेजमेंट के ट्रिक्स, हर क्षेत्र में मिलेगी सफलता

    By Suman SainiEdited By: Suman Saini
    Updated: Thu, 21 Sep 2023 01:26 PM (IST)

    Ganesh Utsav 2023 गणेश जी के जीवन से हमें प्रेरणा मिलती है कि कैसे हर परिस्थिति में खुश रहा जा सकता है। अगर हम गौर करें तो पाएंगे कि गणेश जी की शरीर की बनावट बाकी देवी-देवताओं के मुकाबले में काफी अलग है। दरअसल गणेश जी की सूंड से लेकर उनके कान और उनका पेट कर हमें कुछ-न-कुछ शिक्षा देते हैं।

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    Lord Ganesh भगवान गणेश से सीखें लाइफ मैनेजमेंट के ट्रिक्स।

    नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Lord Ganesh: पूरे देश में गणेश उत्सव की धूम मची हुई है। यह उत्सव 10 दिनों तक चलता है। वर्ष 2023 में 19 सितंबर गणेश चतुर्थी के दिन से गणेश उत्सव की शुरुआत हो चुकी है, जिसका समापन 28 सितंबर यानी अनंत चतुर्थी के दिन गणेश विसर्जन के साथ होगा।

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    आज के इस भागदौड़ के समय में तनाव होना बहुत आम बात हो चुकी है। ऐसे में आप भगवान गणेश से लाइफ मैनेजमेंट के कुछ ट्रिक्स सीख सकते हैं, जिनके द्वारा आप हमेशा खुश रहेंगे और किसी भी मुसीबत का सामना बहुत ही आसानी से कर लेंगे।

    क्या शिक्षा देते हैं बड़े कान

    गणेश जी का शरीर तो मानव का है लेकिन उनका मुख एक हाथी का है। जिस कारण उनके बड़े-बड़े कान हैं। गणेश जी के बड़े-बड़े कान हमें ये शिक्षा देते हैं कि हमें ज्यादा सुनना चाहिए और कम बोलना चाहिए। ये मंत्र हमारे जीवन में बहुत काम आ सकता है।

    गणेश जी की लंबी सूंड

    गज का सिर होने के कारण गणेश जी की एक लंबी और मुड़ी हुई सूड़ भी है। इसलिए उन्हें वक्रतुण्ड भी कहा जाता है। गणेश जी की लंबी सूंड हमें यह सिखाती है कि व्यक्ति में दूर की चीजों का सूंघने की क्षमता होनी चाहिए। इसका मतलब है कि हमें परिस्थितियों का पूर्वानुमान लगाना आना चाहिए।

    बड़ा पेट

    गणेश जी का पेट बहुत ही बड़ा और लंबा है इसलिए उन्हें लंबोदर भी कहा जाता है। गणेश जी के बड़े पेट से भी हमें जीवन जीने का एक मंत्र मिलता है जो यह है कि मनुष्य में बड़ी से बड़ी बात को पचाने की क्षमता होनी चाहिए। तभी वह अपने जीवन में सफल बन सकता है।

    एकदंत गणेश

    एक दांत होने के कारण गणेश जी को एकदंत भी कहा जाता है। उनका एक दांत टूटने के पीछे भी एक कथा मिलती है जो उनके काम के प्रति समर्पण को दर्शाती है। जब गणेश जी वेद व्यास की महाभारत को लिपिबद्ध कर रहे थे तो उन्होंने अपने एक दांत को तोड़कर उसकी कलम बना ली, ताकी कार्य में कोई बाधा न आए। गणेश जी का ये गुण आपको जीवन में अपार सफलता दिला सकता है।

    डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'