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    Ganesh Puja: गणेश चतुर्थी पर क्यों नहीं करना चाहिए चंद्रमा का दर्शन, जानें इसके पीछे का रहस्य

    Updated: Sun, 23 Jun 2024 04:52 PM (IST)

    गणेश चतुर्थी का पर्व बेहद कल्याणकारी माना जाता है। इस दिन लोग कठिन व्रत का पालन करते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस शुभ अवसर पर गणेश जी की पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्त होती है। वहीं धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन चंद्रमा को भूलकर भी नहीं देखना चाहिए तो चलिए इसके पीछे की क्या वजह है? इसके बारे में जानते हैं -

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    Ganesh Puja: इस वजह से चतुर्थी पर चंद्रमा को नहीं देखना चाहिए

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। गणेश चतुर्थी का पर्व बेहद शुभ माना जाता है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा का विधान है। चतुर्थी का दिन भक्त बेहद भक्ति और उत्साह के साथ मनाते हैं। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन पार्वती पुत्र भगवान गणेश की पूजा (Ganesh Puja) करने से सभी विघ्नों का नाश होता है। इसके साथ ही जीवन की सभी बाधाओं का अंत होता है।

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    वहीं, हिंदू मान्यताओं के अनुसार, इस दिन चंद्रमा को भूलकर भी नहीं देखना चाहिए, तो आइए इसके पीछे की क्या वजह है? इसके बारे में जानते हैं -

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    इस वजह से चतुर्थी पर चंद्रमा को नहीं देखना चाहिए

    पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक बार भगवान गणेश पृथ्वी की परिक्रमा करने निकले थे। इस दौरान सभी देवी-देवता उन्हें नमन कर रहे थे, लेकिन चंद्र देव ने अपनी चमक, रोशनी और खूबसूरती के गुमान में उनके गजानन मुख का मजाक उड़ा दिया था।

    उनके इस अभिमान को समाप्त करने के लिए बप्पा ने उन्हें सदैव के लिए काले होने का श्राप दे दिया था। बाद में चंद्र देव को अपनी गलती का एहसास हुआ और उन्होंने भगवान गणेश से क्षमा मांगी।

    जिसपर गौरी पुत्र ने कहा कि 'यह श्राप पूर्ण रूप से तो खत्म नहीं हो सकता है, लेकिन इसे कम किया जा सकता है। तब उन्होंने इसका प्रभाव कम करते हुए कहा, 'जो लोग चुतर्थी के मौके पर चांद को देखेंगे उन्हें बेवजह कलंक का सामना करना पड़ेगा'।

    गणेश चतुर्थी पर चंद्रमा के दर्शन से क्या होता है?

    धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, गणेश चतुर्थी पर चांद देखने से झूठे आरोपों का सामना करना पड़ता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन चंद्रमा को देखने से निर्दोष होने पर भी बदनामी का सामना करना पड़ता है, जिसके बारे में आपने अपने घर के बड़े-बुजुर्गों से भी सुना होगा।

    ऐसे में इस तिथि पर गलती से भी चांद को न देखें। हालांकि अगर लोग अंजाने में यह गलती कर बैठते हैं, तो उन्हें कृष्ण-कृष्ण का जाप कर लेना चाहिए।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।