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    Ganesh Chaturthi 2025: गणपति जी की सूंड की दिशा क्या देती है संकेत? यहां जानें इससे जुड़े रहस्य

    गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi 2025) भगवान गणेश को समर्पित है। इस दौरान गणपति जी की सूंड की दिशा का विशेष महत्व होता है जो अलग-अलग संकेत देती है। जैसा कि बाईं ओर सूंड वाली गणेश प्रतिमा सुख-समृद्धि का प्रतीक है और गृहस्थ जीवन के लिए उत्तम मानी गई है। ऐसे में आइए अन्य सूंड की प्रतिमा का मतलब और रहस्य जानते हैं।

    By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Thu, 28 Aug 2025 11:18 AM (IST)
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    Ganesh Chaturthi 2025: गणपति जी की सूंड का अर्थ।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। गणेश चतुर्थी भगवान गणेश को समर्पित है। इस दौरान भक्त अपने घरों में गणेश जी की मूर्ति स्थापित करते हैं और उनकी पूजा करते हैं। वहीं, मूर्ति खरीदते समय कुछ लोग सोचते हैं कि गणपति जी की सूंड किस दिशा में होनी चाहिए? क्योंकि गणेश जी की सूंड की दिशा का विशेष महत्व होता है और यह अलग-अलग संकेत देती है। सूंड की दिशा के आधार पर ही मूर्ति को शुभ और अशुभ माना जाता है, तो आइए जानते हैं गणपति जी की सूंड (Ganpati Sund Direction Meaning) से जुड़े कुछ रहस्य।

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    बाईं ओर सूंड वाली गणेश प्रतिमा (वाममुखी गणेश)

    ज्योतिष और वास्तु शास्त्र के अनुसार, बाईं ओर सूंड वाली गणेश प्रतिमा को बहुत शुभ माना जाता है। इसे वाममुखी गणेश भी कहते हैं। इस तरह की मूर्ति को घर में रखना बहुत लाभदायक माना जाता है।

    • महत्व - बाईं ओर सूंड वाली प्रतिमा सुख-समृद्धि और धन का प्रतीक होती है।
    • लाभ - इसे घर में स्थापित करने से परिवार में प्रेम और शांति बनी रहती है। साथ ही इस मूर्ति की पूजा करने वाले भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करती है। इसे गृहस्थ जीवन के लिए सबसे उत्तम माना गया है।
    • स्थापित करने का नियम - इस तरह की मूर्ति को घर में कहीं भी स्थापित किया जा सकता है। इसे स्थापित करने के लिए बहुत सख्त नियमों का पालन नहीं करना पड़ता।

    दाईं ओर सूंड वाली गणेश प्रतिमा (दक्षिणमुखी गणेश)

    दाईं ओर सूंड वाली गणेश प्रतिमा को दक्षिणमुखी गणेश कहा जाता है। इस तरह की मूर्ति की पूजा करना बहुत शुभ होता है, लेकिन इसके लिए कुछ विशेष नियमों का पालन करना पड़ता है।

    • महत्व - दाईं ओर सूंड वाली प्रतिमा को हठी माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि यह भक्तों को सिद्धि और मोक्ष प्रदान करती है।
    • लाभ - इस प्रतिमा को घर में रखने से धन-संपदा आती है, लेकिन इसे स्थापित करने से पहले पंडित या वास्तु विशेषज्ञ की सलाह जरूर लेनी चाहिए।
    • स्थापित करने का नियम - दाईं ओर सूंड वाली मूर्ति की पूजा में विधि-विधान और नियमों का सख्ती से पालन करना पड़ता है। अगर आप पूजा में कोई गलती करते हैं, तो इसके नकारात्मक परिणाम भी हो सकते हैं। इसलिए, इस तरह की मूर्ति को घर में रखने की सलाह कम दी जाती है।

    सीधी सूंड वाली गणेश प्रतिमा

    भगवान गणेश की सीधी सूंड वाली प्रतिमा बहुत ही दुर्लभ मानी जाती है। यह प्रतिमा आमतौर पर बहुत कम मिलती है।

    • महत्व - सीधी सूंड वाली प्रतिमा को सुषुम्णा गणेश कहा जाता है। यह व्यक्ति को आध्यात्मिक शांति और मानसिक सुकून देती है।
    • लाभ - इस तरह की प्रतिमा की पूजा करने से व्यक्ति को भगवान गणेश की पूर्ण कृपा मिलती है।
    • स्थापित करने का नियम - इस मूर्ति को भी स्थापित करते समय जानकार पंडित की सलाह जरूर लें।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।