Ganesh Chaturthi 2023: अगले बरस जल्दी आने की कामना के साथ किया जाता है गणपति विसर्जन, जानिए कथा
Ganesh Visarjan 2023 हिंदू धर्म में भगवान गणेश को बुद्धि वाणी और विवेक का देवता माना गया है। गणेश उत्सव का पर्व गणेश चतुर्थी के साथ आरंभ होता है जिसका अंत गणेश विसर्जन के साथ अनंत चतुर्दशी को होता है। इस वर्ष गणेश चतुर्थी की शुरुआत 19 सितंबर 2023 मंगलवार से हो रही है वहीं इसका समापन 28 सितंबर 2023 गुरुवार को अनंत चतुर्दशी पर होगा।

नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Ganesh Chaturthi 2023: भगवान गणेश हिंदू धर्म के प्रथम पूज्य देव हैं, अर्थात हिंदू धर्म में किसी भी शुभ कार्य से पहले भगवान गणेश की ही पूजा की जाती है। प्रति वर्ष गणेश चतुर्थी के दिन घरों में गणपति जी की स्थापना की जाती है और गणेश विसर्जन तक बप्पा की सेवा की जाती है। यह पर्व 10 दिनों तक चलता है। आज देशभर में गणेश चतुर्थी की धूम मची है। ऐसे में आइए जानते हैं बप्पा के विसर्जन की कथा।
गणेश उत्सव का महत्व
देश भर में नहीं बल्कि विश्व भर में गणेश चतुर्थी का त्योहार बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन लोग अपने घरों में बप्पा को लेकर आते हैं और उनकी पूजा-आराधना करते हैं। इसके बाद गणेश विसर्जन के दिन बप्पा की मूर्ति को जल में विसर्जित कर देते हैं। गणेश उत्सव के दौरान गणपति जी की पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति को मनोवांछित फलों की प्राप्ति होती है। साथ ही उसके जीवन के सभी दुख-दर्द भी दूर हो जाते हैं।
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इसलिए करते हैं गणेश विसर्जन (Story of Ganesh Visarjan)
कथा के अनुसार एक बार वेद व्यास जी को महाभारत ग्रंथ को लिपिबद्ध करने के लिए किसी ऐसे व्यक्ति को जरूरत थी जो उनकी बोलने की गति के अनुसार लेखन कर सके। यह काम केवल गणेश जी ही कर सकते थे। ऐसे में उन्होंने गणेश जी का आह्वान किया।
गणेश जी ने उनके इस प्रत्साव को स्वीकार कर लिया। 10 दिनों तक महर्षि वेद व्यास बिना रूके महाभारत सुनाते रहे और गणेश जी उसे लिखते रहे। 10 दिनों बाद जब वेद व्यास जी ने देखा तो पाया कि गणेश जी का ताप बुहत बढ़ गया है। ऐसे में उन्होंने गणेश जी को तालाब में स्नान करवाया। ऐसा माना जाता है कि तभी से गणपित विसर्जन की प्रथा शुरू हो गई।
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