आइए जाने, करवा चौथ के मुहूर्त व क्या है चांद निकलने का समय
कार्तिक कृष्ण चतुर्थी को संकष्टी करक चतुर्थी या करवाचौथ के नाम से जाना जाता है। इस बार करवा चौथ 11 अक्टूबर शनिवार को पड़ा है। भारतीय परिवारों में विवाह ...और पढ़ें


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अभी पढ़ेंवाराणसी। कार्तिक कृष्ण चतुर्थी को संकष्टी करक चतुर्थी या करवाचौथ के नाम से जाना जाता है। इस बार करवा चौथ 11 अक्टूबर शनिवार को पड़ा है। भारतीय परिवारों में विवाहित स्त्रियों के मध्य सर्वाधिक लोकप्रिय व्रत माना जाता है। इस व्रत को सौभाग्यवती स्त्रियां अटल सुहाग की कामना से निराजल रखती हैं। रात में चंद्रमा को अर्घ्य प्रदान कर विधिवत पूजन के उपरांत अन्न ग्रहण का विधान है।
व्रत पर्व की पौराणिकता का अंदाज इससे ही लगाया जा सकता है कि भगवान शिव ने भगवती पार्वती को इस व्रत के बारे में बताया था। ज्योतिर्विद आचार्य ऋषि द्विवेदी ने बताया कि चतुर्थी तिथि 11 अक्टूबर को दिन में 12.32 बजे लग रही है और चंद्रोदय रात 7.57 बजे होगा।
करवा चौथ व्रत की फलस्तुति महिलाओं को ही प्राप्त होती है। ऐसे में प्रात: स्नानादि से निवृत्त होकर आचमन के बाद अपने सौभाग्य व पुत्र पौत्रादि और निश्चल स्थिर संपत्ति की प्राप्ति के लिए करवा चौथ का व्रत संकल्प लेना चाहिए। शिव, पार्वती, स्वामी कार्तिकेय व चंद्र देव की मूर्तियों का षोडशोपचार पूजन किया जाता है। मिट्टी के पात्र में अक्षत, उड़द की दाल तथा सुहाग सामग्री रख दान कर आशीर्वाद लेना चाहिए। रात में चंद्रमा को अर्घ्य देकर करक चतुर्दशी व्रत पूरा होता है। इसके बाद पारण का विधान है।

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