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Maa Shailputri Puja Vidhi: नवरात्रि के पहले दिन करें मां शैलपुत्री का पूजन, जानिए पूजन विधि और मंत्र

Maa Shailputri Puja Vidhi नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ रूपों के पूजन का विधान हैं जिन्हें नवदुर्गा कहा जाता है। पहले दिन मां दुर्गा के शैलपुत्री रूप का पूजन होता है।आइए जानते हैं मां शैलपुत्रि के पूजन की विधि और मंत्र....

By Jeetesh KumarEdited By: Published: Thu, 07 Oct 2021 06:00 AM (IST)Updated: Thu, 07 Oct 2021 12:41 PM (IST)
Maa Shailputri Puja Vidhi नवरात्रि के पहले दिन करें मां शैलपुत्री का पूजन, जानिए पूजन विधि और मंत्र

Maa Shailputri Puja Vidhi: आदि शक्ति मां दुर्गा के पूजन की शारदीय नवरात्रि की शुरूआत आज, 07 अक्टूबर से हो रही है। शारदीय नवरात्रि का व्रत और पूजन हिंदी पंचांग के अश्विन माह के शुक्ल पक्ष में होता है। नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ रूपों के पूजन का विधान हैं, जिन्हें नवदुर्गा कहा जाता है। पहले दिन मां दुर्गा के शैलपुत्री रूप का पूजन होता है। देवी भागवत पुराण के अनुसार माता सती ने प्रजापति दक्ष के यज्ञ विध्वंस के लिए आत्मदाह कर दिया था। उन्होंने एक बार पुनः मां शैलपुत्री के रूप में पर्वतराज हिमालय के घर में जन्म लिया था। पर्वतराज की पुत्री होने कारण ही इन्हें शैलपुत्री कहा गया। आइए जानते हैं मां शैलपुत्रि के पूजन की विधि और मंत्र....

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मां शैलपुत्री के पूजन की विधि

नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना और उसका पूजन किया जाता है। इसके बाद मां शैलपुत्री का पूजन किया जाता है। माता शैलपुत्री देवी पार्वती का ही एक रूप हैं जो नंदी पर सवार, श्वेत वस्त्र धारण करती हैं। उनके एक हाथ में त्रिशुल और एक हाथ में कमल विराजमान है। मां शैलपुत्री को धूप,दीप,फल,फूल,माला,रोली,अक्षत चढ़ा कर पूजन करें। मां शैलपुत्री को सफेद रंग प्रिय है, इसलिए उनको पूजन में सफेद फूल और मिठाई अर्पित करना चाहिए। इसके बाद मां शैलपुत्री के मंत्रों का जाप कर, पूजन का अंत मां शैलपुत्री की आरती गा कर करना चाहिए।

मां शैलपुत्री के पूजन के मंत्र

मां शैलपुत्री के पूजन में इन मंत्रों का जाप करना चाहिए। मां शैलपुत्री के मंत्रों का जाप करने से व्यक्ति के धैर्य और इच्छाशक्ति में वृद्धि होती है। मां शैलपुत्री अपने मस्तक पर अर्द्ध चंद्र धारण करती हैं, इसलिए इनके पूजन और मंत्र जाप से चंद्रमा संबंधित दोष भी समाप्त हो जाते हैं। श्रद्धा भाव से पूजन करने वाले को मां शैलपुत्री सुख और सौभाग्य प्रदान करती हैं।

-ऊँ देवी शैलपुत्र्यै नमः॥

-वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्।

वृषारुढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्॥

-या देवी सर्वभू‍तेषु माँ शैलपुत्री रूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥

डिसक्लेमर

'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'

 


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