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    धूमधाम से मनाया गया प्रकाश पर्व

    कार्तिक पूर्णिमा पर यमुना नदी पर लगा श्रद्धालुओं का तांता नई दिल्ली। सिखों के प्रथम गुरु नानक देव जी है। उनके भक्त उन्हें गुरु नानक, बाबा नानक, नानकशाह नामों से संबोधित करते हैं। गुरु नानक का प्रकाश पर्व कार्तिक पूर्णिमा को बनाया जाता है। उनका बचपन से ही आध्यात्मिक में ध्यान रहा है। सात-आठ वर्ष की आयु में उन्होंने

    By Edited By: Updated: Mon, 18 Nov 2013 01:15 PM (IST)

    नई दिल्ली। सिखों के प्रथम गुरु नानक देव जी है। उनके भक्त उन्हें गुरु नानक, बाबा नानक, नानकशाह नामों से संबोधित करते हैं। गुरु नानक का प्रकाश पर्व कार्तिक पूर्णिमा को बनाया जाता है। उनका बचपन से ही आध्यात्मिक में ध्यान रहा है। सात-आठ वर्ष की आयु में उन्होंने सारा समय अध्यात्मिक चिंतन और सत्संग में व्यतीत करने लगे। गुरु द्वारों में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा।

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    गुरु नानक देव की जयंती राजधानी में रविवार को धूमधाम से मनाई गई। इस मौके पर गुरुद्वारों को विशेष रूप से सजाया गया और लंगर का आयोजन किया गया। बड़े गुरुद्वारों में विशेष प्रबंध थे। गुरुद्वारा बंगला साहिब के पवित्र सरोवर में स्नान करने के लिए सुबह से ही काफी संख्या में श्रद्धालु आना शुरू हो गए थे। कई नेताओं ने भी गुरुद्वारों में मत्था टेका। शाम को आतिशबाजी भी की गई। लोगों ने गुरुद्वारों में श्रमदान भी किया।

    कार्तिक पूर्णिमा को गुरु नानकदेव का जन्मदिन मनाया जाता है। प्रकाश पर्व के रूप में ख्यात गुरु नानक जयंती के मौके पर सभी गुरुद्वारा में संगत पाठ का आयोजन किया गया। सुबह से ही श्रद्धालु गुरुद्वारा पहुंचने शुरू हो गए। उन्होंने गुरु ग्रंथ साहिब का पाठ किया। सभी गुरुद्वारों में लंगर का आयोजन किया गया था। कई कॉलोनियों में भी श्रद्धालुओं ने लंगर का आयोजन किया। शाम के समय भी गुरुद्वारों में खूब चहल पहल रही।

    पूर्वी दिल्ली के गुरुद्वारों से जुड़े जगजीत शाह सिंह कहते हैं कि गुरु नानक देव जी किसी एक धर्म के नहीं बल्कि जगत गुरु थे। सभी धर्मो के लोग उनमें आस्था रखते हैं और उनके उपदेश पर अमल करते हैं। गुरु नानक देव जी के उपदेश मानव कल्याण के लिए हैं। प्रकाश पर्व के आगमन से काफी पहले जगह-जगह प्रभात फेरी निकलनी शुरू हो जाती है। संगत के माध्यम से कीर्तन करते हुए लोगों तक गुरु नानक देव जी का उपदेश पहुंचाया जाता है। श्रद्धालुओं के आग्रह पर संगत लोगों के घरों के बाहर भी कीर्तन करती है। प्रकाश पर्व के दिन प्रभात फेरी का समापन हो जाता है।

    गुरु पर्व के मौके पर यूं तो राजधानी के सभी गुरुद्वारों में काफी संख्या में श्रद्धालु थे, लेकिन गुरुद्वारा बंगला साहिब, गुरुद्वारा शीशगंज, गुरुद्वारा रकाबगंज में काफी भीड़ थी। गुरुद्वारा बंगला साहिब के पवित्र सरोवर में हजारों लोगों ने स्नान किया।

    अनमोल रत्न योजना की शुरुआत

    दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने गुरु पर्व के मौके पर गुरुद्वारा रकाबगंज के भाई लक्खी शाह वंजारा हॉल में गुरमति समागम का आयोजन किया। इस अवसर पर कमेटी के अध्यक्ष मनजीत सिंह जीके, पंजाब विश्वविद्यालय पटियाला के उपकुलपति डॉ. जसपाल सिंह एवं बिल्डिंग कमेटी के चेयरमैन कुलदीप सिंह भोगल मौजूद थे। इस मौके पर मनजीत सिंह जीके ने गुरु हरकिशन पब्लिक स्कूल में प्राइमरी के बच्चों के लिए अनमोल रत्न योजना की शुरुआत की। इस योजना के तहत गरीब बच्चों को मुफ्त शिक्षा दी जाएगी। इस मौके पर डॉ. जसपाल सिंह ने दिल्ली कमेटी से आग्रह किया कि वह गुरु ग्रंथ साहिब जी के सिद्धांतों को दुनिया भर में अलग अलग भाषाओं में पहुंचाने के लिए काम शुरू करे। उन्होंने गुरु नानक देव जी को मानवता के साथ कोई भेदभाव न करने वाला मसीहा बताते हुए लोगों से विचारों की दूरियों को खत्म करने की बात कही।

    धूमधाम से मनाया गया प्रकाश पर्व-

    नोएडा-आओ जपे सतनाम, गुरु बानी का पाठ कर पाए हरि का धाम .। गुरु नानक भक्ति के इन्हीं भजनों से गूंजा सेक्टर-18 व सेक्टर-12 का गुरु द्वारा। गुरु नानक जयंती पर अरदास और शबद कीर्तन का आयोजन किया।

    नगर कीर्तन से बिखरी प्रकाशोत्सव की अनुपम छटा-

    फरीदाबाद-श्री गुरुनानक देव जी के प्रकाशोत्सव के अवसर पर नगर कीर्तन के रूप में शहर में भव्य शोभा यात्रा निकाली गई। प्रकाशोत्सव के मौके पर यूं तो विभिन्न गुरुद्वारों से प्रभात वेला से ही प्रभात फेरी व नगर कीर्तन करती हुई निकली, पर मुख्य आयोजन दोपहर बाद गुरुद्वारा सिंह सभा नंबर एक की ओर से हुआ। शोभा यात्रा की अध्यक्षता गुरुद्वारा समिति के प्रधान सरदार इंद्रजीत सिंह ने की।

    गुरुद्वारा प्रांगण से गुरु साहब के पंज प्यारों के नेतृत्व में निकली शोभा यात्रा की भव्य छटा देखते ही बनती थी। पंज प्यारों के आगे चल कर सड़क को झाडू़ से साफ करते जत्थे, शोभा यात्रा में रंगबिरंगी एक तरह की पोशाकों में पीटी करते बच्चे, गतका के जरिए रण कौशल का रोमांचक प्रदर्शन करते सिख नौजवान व युवतियां, फूलों से सजी श्री गुरुग्रंथ साहिब की पालकी और पवित्र पालकी के समक्ष नतमस्तक होती संगत पूरी तरह से माहौल को धार्मिक कर रही थी। पालकी के ठीक पीछे चल रहे कीर्तन जत्थे ने श्री गुरुनानक देव जी व अन्य गुरुओं को समर्पित शबद 'सतगुरु नानक प्रगटया, मिटी धुंध जग चानन होया', 'कलयुग के अवतार गुरु नानक जी',ं 'मैं सोभा सुन के आया, ऊंचा दर बाबे नानक दा', 'मेरे साहिब, मेरे साहिब, तू निमाण' सुना कर और साथ चल रही संगत ने श्रवण कर गुरु घर की खुशियां प्राप्त की। इस दौरान बीच-बीच में 'बोले सो निहाल, सत श्री अकाल' के जयघोष से माहौल गूंजता रहा।

    इधर शोभा यात्रा एक नंबर मार्केट से चल कर शहर के प्रमुख मार्गो से एनएच पांच मार्केट में प्रवेश किया और फिर पांच नंबर से चार-पांच चौक, तीन नंबर के प्रमुख मार्ग, दो नंबर व एक-दो चौक से वापस एक नंबर प्रवेश कर गुरुद्वारा प्रांगण में ही समाप्त हुई और इस दौरान जहां-जहां से नगर कीर्तन निकला, वहां दर्जनों से अधिक स्थानों पर गुरु साहब के पंज प्यारों के चरणों में माथा टेक कर व उन्हें दूध छका कर अपने को धन्य किया। इस दौरान ही रास्ते में आने वाले सभी गुरुद्वारा व मंदिर प्रबंधकों, सामाजिक संस्थाओं के अलावा व्यक्तिगत रूप से गुरु घर की प्यारे सेवकों ने स्टॉल लगा कर गर्म दूध, कड़ाहा प्रसाद, खीर, चाय, जलेबी, आइसक्रीम, कुलचे छोले, राजमा चावल, बच्चों के लिए टाफियां, कुरकुरे, चिप्स, चाकलेट, ब्रेड पकोड़े, समोसे, कचोड़ी प्रसाद के रूप में वितरित की और नगर कीर्तन का अभिनंदन किया।

    इसके अलावा सेक्टर-नौ-दस से भी नगर कीर्तन का आयोजन किया गया। इस मौके पर वरिष्ठ इनेलो नेता विकास चौधरी ने पंज प्यारों का स्वागत किया और उन्हें शॉल भेंट की। श्री चौधरी ने कहा कि सभी को गुरु नानक देव जी के आर्दशों को अपना कर अच्छे कार्य करने की प्रेरणा लेनी चाहिए।

    शब्द कीर्तन से संगत भई निहाल-

    पानीपत- सिखों के प्रथम गुरु नानक देव की 544 वीं जयंती पर रविवार को विभिन्न गुरुद्वारों में मत्था टेकने के लिए श्रद्धालु उमड़ पड़े। मत्था टेक कर श्रद्धालुओं ने मन्नतें मांगी। शब्द कीर्तन की बोल से एतिहासिक नगरी निहाल हो उठी। हजारों श्रद्धालुओं ने लंगर का प्रसाद चखा।

    कार्तिक पूर्णिमा पर पानीपत में गुरु नानक देव जी की जयंती श्रद्धा व भक्ति भाव से मनाई गई। जीटी रोड स्थित गुरु तेग बहादुर भवन व गुरुद्वारा पहली पातशाही सहित अन्य गुरुद्वारों में सुबह 9 बजे से कीर्तन समागम का आयोजन किया गया। समागम में सिख समुदाय के सैकड़ों लोग भाग लेने पहुंचे। मत्था टेक कर श्रद्धालुओं ने परिवार के सुख समृद्धि की कामना की। गुरु तेग बहादुर भवन में सुबह 10.00 बजे से दोपहर 3 बजे तक कीर्तन समागम चला। हुजूर रागी जत्था ने शब्द कीर्तन से संगत को निहाल कर दिया। कथा वाचक मुख्य ग्रंथी ज्ञानी बलविंदर सिंह ने गुरु के जीवन व उपदेशों पर प्रकाश डाला। गुरु के जीवन पर संगीतमयी प्रस्तुति दी। शब्द कीर्तन की गूंज से पानीपत निहाल हो उठा।

    अटूट बरता गुरु का लंगर

    गुरु तेग बहादुर भवन में अटूट लंगर लगाया गया। प्रकाश पर्व पर पांत में बैठकर हजारों लोगों ने लंगर का प्रसाद चखा। गुरु का लंगर शाम तक चलता रहा। इस अवसर पर गुरुद्वारा पहली पातशाही के प्रधान केहर सिंह, लखविंदर सिंह, सचिव अगम अपार सिंह, अमरीक सिंह, सरदार अमरजीत नरुला, बलवंत सिंह, रघुबीर सिंह, जगजीत दुआ व महिंद्र सिंह मौजूद थे।

    गुरूनानक देव का प्रकाशोत्सव धूमधाम से मनाया-

    गाजियाबाद- कविनगर जी ब्लॉक स्थित गुरूद्वारे में गुरूनानक देव का प्रकाश पर्व धूमधाम से मनाया गया। सरदार हरभजन सिंह गुरुवाणी का पाठ किया और और गुरूनानक देव के जीवन पर प्रकाश डाला। इस मौके पर सरदार एसपी सिंह ने कहा कि गुरूनानक देव जी ने जाति विभेद समाज की स्थापना की और लोगों को एकजुट होकर बुराई का सामना करने को कहा। इस मौके पर बलदेव सिंह खालसा,कुलवंत सिंह,परमजीत सिंह,जसप्रीत सिंह मौजूद थे।

    भजनों और कथा के माध्यम से भगवान गिरिराज की महिमा का वर्णन किया गया। राजनगर में आयोजित अन्नकूट महोत्सव में कथा व्यास गौर दास जी महाराज ने गिरिराज के जीवन के महत्वपूर्ण प्रसंग सुनाए।

    रविवार को राजनगर वेलफेयर एसोसिएशन की ओर से आयोजित अन्नकूट महोत्सव में गिरिराज की प्रतिमा को पंचामृत से स्नान कराया गया। इसके बाद भजन गायकों ने गिरधर की महिमा का बखान किया। इसके पश्चात अन्नकूट भंडारा आयोजित किया गया,जिसमें काफी संख्या में लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया। इस मौके पर आर के शर्मा,विनोद त्यागी,दुष्यंत,देवेंद्र हितकारी,आदित्य जैन मौजूद थे।

    धूमधाम से मनाया गया गुरु नानक देव जी का प्रकाशोत्सव-

    जींद -

    जिले में रविवार को गुरुनानक देव जी का 545वां प्रकाशोत्सव धूमधाम से मनाया गया। सिख संगत ने सुबह प्रभात फेरियां निकाली, वाहे गुरु जी दा खालसा, श्री वाहे गुरु जी दी फतेह, बोले सो निहाल, सत श्री अकाल के उद्घोषों से पूरा वातावरण गुंजायमान हो गया। प्रभात फेरी शहर के मुख्य मार्गो से होते हुए मंजी साहब गुरुद्वारा पर संपन्न हुई। बुधवार दोपहर बाद लंगर का आयोजन किया गया, जिसमें संगत ने लंगर छका। भाई कन्हैया सेवादल प्रमुख बलविंद्र सिंह ने बताया कि गुरु नानक जयंती के उपलक्ष्य में बुधवार को शहर के मुख्य चारों गुरुद्वारों में लंगर का आयोजन किया गया, जिनमें सैकड़ों सिख श्रद्धालुओं ने लंगर छका व गुरु की अमृत वाणी का पान किया। गुरु नानक जयंती के मौके पर सुबह से ही गुरुद्वारों में अखंड पाठ शुरू हो गया जो देर शाम तक चलता रहा। इस मौके पर गुरुद्वारों को फूलों तथा बिजली की लड़ियों से सजाया गया था। उन्होंने बताया कि गुरुद्वारा तेग बहादुर साहिब में हेड ग्रंथी ज्ञानी शेर सिंह व कथा वाचक गुरविंद्र सिंह, गुरुद्वारा सिंह सभा में ज्ञानी नानक सिंह, भाई जरनैल सिंह ने शब्द कीर्तन किया। इसी तरह पंजाबी गुरुद्वारा में संतोख सिंह ने शब्द कीर्तन किया और श्रद्धालुओं को अमृत वाणी का पान कराया।

    वहीं संवाद सूत्र नरवाना के अनुसार गुरु नानक जयंती के उपलक्ष्य में गुरु पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया गया। ढाणी स्थित स्टेशन के पास गुरुद्वारे में शब्द कीर्तन किया गया। सिखों के प्रथम गुरु श्री गुरु नानक देव जी के 545वें प्रकाशोत्सव पर रविवार को शहर में शोभा यात्रा का आयोजन किया गया। इस शोभा यात्रा की शुरुआत ढाणी स्थित गुरुद्वारे से शुरू होकर परशुराम चौक, खादी चौक, अपोलो चौक, रेलवे रोड, भगत सिंह चौक से लक्ष्मी सिनेमा होती हुई पंजाबी चौक स्थित गुरुद्वारे पहुंची। इस मौके पर सिख संगत द्वारा शोभा यात्रा में स्कूली बच्चों द्वारा आकर्षक झांकियां व पालकी के आगे महिलाएं झाडू़ लगाती हुई आकर्षण का केंद्र बनी हुई थी। शोभा यात्रा में आतिशबाजी व बैंड-बाजे अपनी छटा बिखेर रहे थे। यात्रा के साथ चलने वाले लोगों को हलवे, खीर तथा फल आदि का प्रसाद वितरित किया गया। इस मौके पर शहर को फूलों की लड़ियों से सजाया गया। शोभा यात्रा में छोटे-छोटे बच्चे पंज प्यारों के वेशभूषा में सजे हुए थे, जो जयंती शोभा यात्रा को चार चांद लगा रहे थे। इसमें भारी संख्या में शहर की धार्मिक संस्थाओं के लोगों व सिख श्रद्धालुओं ने भाग लिया। इस शोभा यात्रा में भाग लेने के लिए आसपास के क्षेत्रों के सिख संगत भी आई हुई थी। इस मौके पर गुरु का अटूट लंगर श्रद्धालुओं में बांटा गया। इस अवसर पर गुरुद्वारा ¨सह सभा के प्रधान सरदार कृष्ण ¨सह, गुरजीत ¨सह छोटा, अमरजीत ¨सह, हरपाल सिंह, गुरचरण ¨सह, प्रवीण दुआ, चरणजीत छाबड़ा, दलीप ¨सह, प्रीतपाल सिंह आदि श्रद्धालु मौजूद थे। दूसरी ओर गुरुद्वारा धमतान साहिब में भी गुरु नानक जयंती बड़ी धूमधाम से मनाई गई। इस मौके पर दूर-दूर से आए श्रद्धालुओं ने धमतान साहिब सरोवर में डुबकी लगाई तथा गुरु ग्रंथ साहब पर मत्था टेका। सिख साध-संगत द्वारा अटूट भंडारे का आयोजन किया गया, जिसमें श्रद्धालुओं ने लंगर चखा।

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