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    Father's Day 2024: किसी के अत्याचार, तो किसी के पुत्र मोह के कारण आज भी याद किए जाते हैं ये पौराणिक पिता

    हर साल जून माह के तीसरे रविवार को Fathers Day मनाया जाता है। ऐसे में इस साल फादर्स डे 16 जून रविवार 2024 को मनाया जा रहा है। इस विशेष अवसर पर आज हम आपको पौराणिक कथाएं में पाए जाने वाले कुछ ऐसे पिताओं के बारे में बताने जा रहे हैं जो किसी-न-किसी वजह से पिता के रूप में चर्चित रहे हैं।

    By Suman Saini Edited By: Suman Saini Updated: Sat, 15 Jun 2024 03:11 PM (IST)
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    Father's Day 2024 आज भी याद किए जाते हैं ये पौराणिक पिता।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Father's Day पर लोग तरह-तरह के उपाय करके, अपने पिता के प्रति अपना प्रेम और सम्मान व्यक्त करते हैं। ऐसे में आज हम आपको कुछ ऐसे पौराणिक पिताओं के बारे में बताने जा रहे हैं, जो आज के समय में भी काफी चर्चित हैं। इनमें से किसी ने पुत्र मोह में अंधा होकर सभी हदें पार कर दी, तो किसी ने अपने ही पुत्र को तरह-तरह की यातनाएं दी।

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    ये है सबसे क्रूर पिता

    हिरण्यकश्यप को एक क्रूर पिता के रूप में देखा जाता है। क्योंकि उसने अपने पुत्र प्रहलाद को कई यातनाएं दी। जिसका कारण यह था कि प्रहलाद भगवान विष्णु का परम भक्त था और हिरण्यकश्यप विष्णु जी को अपना शत्रु मानता था। इसलिए उसने प्रहलाद को बहुत-सी यातनाएं दी। यहां तक की अपनी बहन होलिका के साथ प्रहलाद को जलती आग में बैठा दिया। लेकिन भगवान विष्णु की कृपा से वह बच गया और होलिका जल गई। अंत में भगवान नरसिंह ने हिरण्यकश्यप का अंत किया।

    पुत्र को याद करते-करते त्यागे प्राण

    राजा दशरथ के चार पुत्र थे, जिसमें से उन्हें राम सबसे अधिक प्रिय थे। वह अपने पुत्र राम से अत्यधिक प्रेम करते थे। लेकिन रानी कैकेयी को दिए गए वचन के कारण न चाहते हुए भी उन्हें राम जी को वनवास भेजना पड़ा। अपने अंत समय तक वह राम जी को याद करते रहे और अपने पुत्र को याद करते-करते उन्होंने अपने प्राण त्याग दिए।

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    पुत्र मोह में अंधे हुए ये पिता

    महाभारत में धृतराष्ट्र भी ऐसे पिताओं की श्रेणी में आते हैं, जो अपने पुत्र के मोह में अंधे हो गए थे। धृतराष्ट्र के 100 पुत्र थे, जिसमें से दुर्योधन सबसे बड़ा था। धृतराष्ट्र ने अपने पुत्रों की गलतियों को हमेशा अनदेखा किया। यह भी कहा जाता है कि महाभारत के युद्ध को रोकने का भी प्रयास नहीं किया, जिसके परिणामस्वरूप उनके सभी पुत्र युद्ध में मारे गए।

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।