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    Falgun Purnima 2024: कब है फाल्गुन मास की पूर्णिमा? यहां जानिए तिथि और पूजा विधि

    Updated: Thu, 14 Mar 2024 02:04 PM (IST)

    पूर्णिमा का दिन बेहद शुभ माना जाता है। इस साल यह 25 मार्च को पड़ रही है। मान्यताओं के अनुसार भक्त इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करते हैं। ऐसा कहा जाता है कि जो साधक इस दिन का व्रत सच्ची श्रद्धा के साथ करते हैं उन्हें समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस दिन के व्रत को लेकर कई सारे नियम बनाएं गए जिनका पालन बेहद जरूरी है।

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    Falgun Purnima 2024: फाल्गुन पूर्णिमा की पूजा विधि

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Falgun Purnima 2024: फाल्गुन मास की पूर्णिमा बहुत ही विशेष मानी गई है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, फाल्गुन मास की पूर्णिमा का व्रत रखने से अनगिनत आशीर्वाद मिलते हैं और जीवन की सभी समस्याएं दूर होती हैं। इसी वजह से लोगों को इस दिन का व्रत रखने की सलाह दी जाती हैं। यह व्रत भगवान विष्णु और धन की देवी माता लक्ष्मी की पूजा के लिए समर्पित है।

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    इस साल फाल्गुन पूर्णिमा 25 मार्च, 2024 को पड़ रही है। तो आइए इस दिन से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातों को जानते हैं -

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    फाल्गुन पूर्णिमा 2024 मुहूर्त 

    हिंदू पंचांग अनुसार, फाल्गुन पूर्णिमा 24 मार्च, 2024 दिन रविवार सुबह 09 बजकर 54 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इसका समापन अगले दिन 25 मार्च, 2024 दिन सोमवार दोपहर 12 बजकर 29 मिनट पर होगा। बता दें, 25 मार्च के दिन इस दिन का उपवास और पूजा होगी।

    फाल्गुन पूर्णिमा की पूजा विधि

    • फाल्गुन पूर्णिमा के दिन सुबह उठकर पवित्र स्नान करें।
    • इस दिन गंगा नदी में स्नान करने का भी विशेष महत्व है।
    • पवित्र स्नान के बाद दान, व्रत और भगवान विष्णु की पूजा का संकल्प लें।
    • भगवान विष्णु की विधिपूर्वक पूजा करें।
    • पूजा में तुलसीपत्र अवश्य शामिल करें।
    • धनिया की पंजीरी और पंचामृत का भोग लगाएं।
    • भगवान सत्यनारायण कथा का पाठ करें।
    • जल में सफेद फूल, दूध और चावल मिलाकर अर्घ्य दें।
    • इस दिन दान और पुण्य अवश्य करें।
    • तामसिक चीजों के सेवन से बचें।
    • गरीबों की मदद करें।
    • धार्मिक स्थलों पर दर्शन के लिए जाएं।

    भगवान विष्णु पूजन मंत्र

    • ॐ नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।।
    • ॐ ह्रीं कार्तविर्यार्जुनो नाम राजा बाहु सहस्त्रवान। यस्य स्मरेण मात्रेण ह्रतं नष्‍टं च लभ्यते।।

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    डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।