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Falgun Month 2023: इन नियमों को ध्यान रखकर करें पवित्र फाल्गुन मास का स्वागत

Falgun Month 2023 आज से फाल्गुन मास का शुभारंभ हो रहा है। यह महिना भगवान श्री कृष्ण भगवान शिव की उपासना के लिए समर्पित है। शास्त्रों में इस पवित्र महीने के लिए कुछ विशेष नियम बताए गए हैं जिनका पालन करने से व्यक्ति को विशेष लाभ मिलता है।

By Shantanoo MishraEdited By: Shantanoo MishraPublished: Mon, 06 Feb 2023 11:42 AM (IST)Updated: Mon, 06 Feb 2023 11:42 AM (IST)
Falgun Month 2023: इन नियमों को ध्यान रखकर करें पवित्र फाल्गुन मास का स्वागत
Falgun Month 2023: फाल्गुन मास में जरूर करें इन नियमों का पालन।

नई दिल्ली, अध्यात्मिक डेस्क | Falgun Month 2023: आज यानि 06 फरवरी से हिन्दू कैलेंडर का अंतिम महिना अर्थात फल्गुन मास का शुभारंभ हो रहा है। मान्यता है कि फाल्गुन मास में भगवान शिव और भगवान श्री कृष्ण की उपासना करने से साधकों को विशेष लाभ मिलता है। पंचांग के अनुसार इस मास में महाशिवरात्रि, होली इत्यादि जैसे कई महत्वपूर्ण व्रत एवं त्यौहार मनाएं जाएंगे। ऐसे में व्यक्ति को फाल्गुन मास में कुछ विशेष नियमों का पालन जरूर करना चाहिए। इन नियमों का पालन करने से व्यक्ति को विशेष लाभ मिलता है। आइए जानते हैं फाल्गुन मास के नियम और अध्यात्मिक महत्व।

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फाल्गुन मास नियम (Falgun Month 2023 Niyam)

शास्त्रों में बताया गया है कि फाल्गुन मास में व्यक्ति को शीतल या सामान्य जल से ही स्नान करना चाहिए। साथ भोजन में अनाज का प्रयोग सीमित रूप से करना चाहिए। अधिक फलों का सेवन स्वास्थ्य के लाभदायक होगा और तामसिक भोजन का सेवन अधिक ना करें। इसके साथ भगवान श्री कृष्ण और भगवान शिव की उपासना नियमित रूप से करें और क्रोध व इन्द्रियों पर काबू रखें। माना जाता है कि इन नियमों का पालन करने से व्यक्ति को विशेष लाभ मिलता है।

फाल्गुन मास में करें इन देवी देवताओं की उपासना (Falgun Month 2023 Importance)

शास्त्रों के अनुसार फाल्गुन मास भगवान श्री कृष्ण को समर्पित है, इसलिए इस मास में श्री कृष्ण की उपासना करने से विशेष लाभ मिलता है। मान्यता है कि इस मास में भगवान श्री कृष्ण की उपासना तीन स्वरूप यानि बाल, युवा और गुरु रूप में करने से संतान, प्रेम, धन-ऐश्वर्य और ज्ञान की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन में आ रही सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं। इसके साथ इस मास में महाशिवरात्रि 2023 पर्व को हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। इसलिए मास में भगवान शिव और माता पार्वती की उपासना का भी विशेष महत्व है। 

डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।


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