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    Falgun Amavasya 2024: आज मनाई जाएगी फाल्गुन अमावस्या, जानिए इस दिन से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें

    अमावस्या का दिन (Falgun Amavasya 2024) पूर्वजों की पूजा के लिए समर्पित है। इसके साथ ही इस दिन लोग श्राद्ध अनुष्ठान भी करते हैं। ऐसा माना जाता है कि आध्यात्मिक शुद्धि के लिए यह दिन बेहद महत्वपूर्ण है। इसलिए इस दिन सच्चे भाव के साथ पूजा-पाठ में शामिल होना है जिससे सभी समस्याओं से निजात मिल सके। तो आइए इस दिन से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातों को जानते हैं -

    By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Sun, 10 Mar 2024 09:00 AM (IST)
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    Falgun Amavasya 2024: फाल्गुन अमावस्या की तिथि और महत्व

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Falgun Amavasya 2024: अमावस्या तिथि हिंदुओं के बीच बड़ा धार्मिक महत्व रखती है। इस दिन लोग विभिन्न प्रकार की धार्मिक और आध्यात्मिक गतिविधियां जैसे मंत्र जाप, हवन, गंगा स्नान और दान करते हैं। यह दिन पितरों का तर्पण करने के लिए विशेष माना जाता है। कहा जाता है कि जो लोग इस दिन अपने पितरों का तर्पण करते हैं, उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है। साथ ही भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

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    फाल्गुन अमावस्या की तिथि और समय

    अमावस्या तिथि की शुरुआत 9 मार्च 2024, शाम 06 बजकर 17 मिनट से होगी। वहीं इसका समापन 10 मार्च, 2024 दोपहर 02 बजकर 29 मिनट पर होगा।

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    फाल्गुन अमावस्या का धार्मिक महत्व

    हिंदू धर्म में फाल्गुन अमावस्या का विशेष महत्व है। इस दिन, भक्त गंगा नदी में पवित्र स्नान और दान करते हैं। अमावस्या का दिन पूर्वजों की पूजा के लिए समर्पित है। इसके साथ ही इस दिन लोग श्राद्ध अनुष्ठान भी करते हैं। ऐसा माना जाता है कि आध्यात्मिक शुद्धि के लिए यह दिन बेहद महत्वपूर्ण है। इसलिए इस दिन सच्चे भाव के साथ पूजा-पाठ में शामिल होना है, जिससे सभी समस्याओं से निजात मिल सके।

    फाल्गुन अमावस्या पर करें ये कार्य

    • सुबह जल्दी उठकर गंगा नदी में पवित्र स्नान करें।
    • पितरों का तर्पण किसी जानकार पुरोहित से करवाएं।
    • दान-पुण्य और जरूरतमंद लोगों को भोजन कराएं।
    • भगवत गीता और रामचरितमानस का पाठ अवश्य करें।
    • इस दिन गायत्री मंत्र का जाप करें।
    • धार्मिक स्थानों पर दर्शन के लिए जाएं।
    • अमावस्या के दिन सात्विक भोजन करें।
    • चीटियों को आटा जरूर खिलाएं।
    • इस दिन धार्मिक कार्यों से जुड़े रहें।
    • मंदिर में जाकर दान-पुण्य करें।

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    डिसक्लेमर: ''इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।''