ग्रह दोष मिटाएं: नवग्रहों के चमत्कारी मंत्र और बीज मंत्र
वैदिक ज्योतिष में नवग्रहों की कृपा पाने के लिए मंत्रों का जाप बहुत महत्वपूर्ण है। प्रत्येक ग्रह हमारे जीवन को प्रभावित करता है इसलिए कमजोर ग्रहों के मंत्रों का जाप करके उनके शुभ प्रभाव को बढ़ाया जा सकता है। सूर्य चंद्र मंगल बुध गुरु शुक्र शनि राहु और केतु के मंत्र और बीज मंत्र दिए गए हैं जिनका नियमित जाप जीवन को सुखमय बनाता है।

आलोक भटमागर एस्ट्रोपत्री। वैदिक ज्योतिष में नवग्रहों की कृपा को प्राप्त करने के लिए मंत्रों और बीज मंत्रों का जाप एक अत्यंत प्रभावशाली उपाय माना गया है। प्रत्येक ग्रह हमारे जीवन के किसी न किसी क्षेत्र को प्रभावित करता है, और जब किसी ग्रह की स्थिति कमजोर या पीड़ित हो, तो उसका विशेष मंत्र या बीज मंत्र जाप करके उसके शुभ प्रभाव को बढ़ाया जा सकता है। यह मंत्र न केवल मानसिक शांति प्रदान करते हैं, बल्कि ग्रहों की नकारात्मक ऊर्जा को संतुलित कर जीवन में सकारात्मक बदलाव लाते हैं।
नीचे दिए गए हैं नवग्रहों के लिए विशेष मंत्र और उनके बीज मंत्र, जिनका श्रद्धा और नियमपूर्वक जाप आपके जीवन को संतुलित और सुखमय बना सकता है। यहां नीचे हर ग्रह के अनुसार मंत्र और बीज मंत्र दिए गए हैं।
हर ग्रह के लिए विशेष मंत्र
सूर्य देव के लिए मंत्र और बीज मंत्र
- सूर्य के लिए मंत्र: “ॐ सूर्याय नमः”
- सूर्य के लिए बीज मंत्र: “ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः”
चंद्र देव के लिए मंत्र और बीज मंत्र
- चंद्र देव के लिए मंत्र: “ॐ चंद्राय नमः”
- चंद्र देव के लिए बीज मंत्र: “ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चंद्राय नमः”
मंगल देव के लिए मंत्र और बीज मंत्र
- मंगल देव के लिए मंत्र: “ॐ भौमाय नमः”
- मंगल देव के लिए बीज मंत्र: “ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः”
बुध देव के लिए मंत्र और बीज मंत्र
- बुध देव के लिए मंत्र: “ॐ बुधाय नमः”
- बुध देव के लिए बीज मंत्र: “ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः”
गुरु बृहस्पति के लिए मंत्र और बीज मंत्र
- गुरु बृहस्पति के लिए मंत्र: “ॐ गुरवे नमः”
- गुरु बृहस्पति के लिए बीज मंत्र: “ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरवे नमः”
शुक्र देव के लिए मंत्र और बीज मंत्र
- शुक्र देव के लिए मंत्र: “ॐ शुक्राय नमः”
- शुक्र देव के लिए बीज मंत्र: “ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः”
शनि देव के लिए मंत्र और बीज मंत्र
- शनि देव के लिए मंत्र: “ॐ शनैश्चराय नमः”
- शनि देव के लिए बीज मंत्र: “ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः”
राहु देव के लिए मंत्र और बीज मंत्र
- राहु देव के लिए मंत्र: “ॐ राहवे नमः”
- राहु देव के लिए बीज मंत्र: “ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः”
केतु देव के लिए मंत्र और बीज मंत्र
- केतु देव के लिए मंत्र: “ॐ केत्वे नमः”
- केतु देव के लिए बीज मंत्र: “ॐ स्त्रां स्त्रीं स्त्रौं सः केत्वे नमः”
समापन
नवग्रहों के ये मंत्र केवल शब्द नहीं, आत्मा की पुकार हैं। जब श्रद्धा के साथ इनका उच्चारण किया जाता है, तो वे हमारे भीतर छिपी ऊर्जा को जाग्रत करते हैं और ब्रह्मांड की शक्ति से हमारा जुड़ाव गहरा करते हैं। हर ग्रह एक दिशा है, एक शिक्षा है और यह मंत्र उस शिक्षा को समझने और स्वीकार करने का माध्यम हैं।
प्रतिदिन श्रद्धा, एकाग्रता और विश्वास के साथ इन मंत्रों का जाप करें, और अनुभव करें जीवन में नई रोशनी, संतुलन और आध्यात्मिक उन्नति का आरंभ।
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लेखक: आलोक भटमागर, Astropatri.com अपनी प्रतिक्रिया देने के लिए hello@astropatri.com पर संपर्क करें।
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