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    Ek Shloki Ramayan: इस एक श्लोक में मिलता है संपूर्ण रामायण का सारांश, जानें इसके पाठ के नियम

    Updated: Fri, 12 Jan 2024 03:24 PM (IST)

    Ek Shloki Ramayan वाल्मीकि कृत रामायण और तुलसीदास जी की रामचरितमानस भगवान राम को समर्पित ग्रंथ हैं। लेकिन क्या आप छोटी रामायण कहलाने वाली एक श्लोकी रामायण के बारे में जानते हैं। इसके एक श्लोक में पूरी रामायण का सारांश मिलता है। यह माना गया है कि इस एक श्लोक को सुनने या पढ़ने से मनुष्य को पुण्य फलों की प्राप्ति हो सकती है।

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    Ek Shloki Ramayan इस एक श्लोक में मिलता है रामायण का सारांश।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Ek Shloki Ramayan Hindi Meaning: 22 जनवरी 2024 को अयोध्या के नव निर्मित राम मंदिर में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है, जिसकी भव्य तौयारियां देशभर में चल रही हैं। महर्षि वाल्मिकी और तुलसीदास जी की रामायण में भगवाम राम के पूर्ण जीवन के वर्णन मिलता है। ऐसे में हम आपको एक ऐसा श्लोक बताने जा रहे हैं, जिसमें सम्पूर्ण रामायण का सारांश मिलता है। 

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    एक श्लोकी रामायण (Ek Shloki Ramayan)

    आदौ राम तपोवनादि गमनं, हत्वा मृगं कांचनम्।

    वैदीहीहरणं जटायुमरणं, सुग्रीवसंभाषणम्।।

    बालीनिर्दलनं समुद्रतरणं, लंकापुरीदाहनम्।

    पश्चाद् रावण कुम्भकर्ण हननम्, एतद्धि रामायणम्।।

    इस एक श्लोक में संपूर्ण रामायण का वर्णन संक्षिप्त रूप में मिलता है। इस श्लोक अर्थ है कि - जब भगवान राम वन को चले गए, तब उन्हें वहां एक सोने के हिरण दिखा, जिसका उन्होंने पीछा किया और उसे मार डाला। तभी वैदेही अर्थात माता सीता का रावण द्वारा हरण कर लिया गया। माता सीता को बचाने के लिए पक्षी राज्य जटायु ने रावण से युद्ध करते हुए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए। इसके बाद माता सीता को ढूंढते हुए भगवान राम की भेंट सुग्रीव से हुआ और उनकी मित्रता हो गई।

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    इस तरह हुआ युद्ध का अंत

    मित्रता निभाने के लिए उन्होंने सुग्रीव के दुष्ट भाई बाली को मार डाला। सुग्रीव ने भी माता सीता की खोज करने में राम जी की सहायता की। इसके बाद हनुमान जी ने लंका पहुंचकर रावण की सोने लंका में आग लगा दी। युद्ध में रावण और उसके भाई कुंभकरण का वध हुआ। इस प्रकार इस एक श्लोक में संपूर्ण रामायण का सारांश मिलता है।

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    इस तरह करें श्लोक का जाप

    आपको इस एक श्लोक का पाठ करने से रामायण का पाठ करने जिनता फल मिल सकता है। लेकिन इसके लिए कुछ नियमों का भी ध्यान रखना जरूरी है। श्लोक के पाठ के लिए सबसे पहले स्नान आदि से निवृत होकर साफ वस्त्र धारण करें। इसके बाद कुश के आसन पर बैठकर भगवान राम का ध्यान करते हुए रुद्राक्ष की माला लेकर इस श्लोक का जाप करें।

    डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'