Move to Jagran APP

Eid Milad Un Nabi 2020: जानें भारत में कब है ईद-ए-मिलाद? क्या है इसका महत्व

Eid Milad Un Nabi 2020 ईद-ए-मिलाद या ईद मिलाद उन नबी इस्लाम के आखिरी पैगंबर पैगंबर मोहम्मद की जयंती के रुप में मनाया जाता है। आइए जानते हैं कि ईद-ए-मिलाद भारत में कब मनाया जाएगा और इसका महत्व क्या है?

By Kartikey TiwariEdited By: Published: Wed, 28 Oct 2020 10:57 AM (IST)Updated: Wed, 28 Oct 2020 11:00 AM (IST)
Eid Milad Un Nabi 2020: जानें भारत में कब है ईद-ए-मिलाद? क्या है इसका महत्व
आइए जानते हैं कि ईद-ए-मिलाद भारत में कब मनाया जाएगा?

Eid Milad Un Nabi 2020: ईद-ए-मिलाद या ईद मिलाद उन नबी इस्लाम के आखिरी पैगंबर पैगंबर मोहम्मद की जयंती के रुप में मनाया जाता है। मुस्लिम समुदाय में सूफी और बरेलवी विचारधारा के लोगों का मनना है कि पैगंबर मोहम्मद का जन्म इस्लामिक कैलेंडर के तीसरे माह रबी अल-अव्वल की 12वीं तारीख को 571ई में हुआ था। ईद-ए-मिलाद या ईद मिलाद उन नबी को आम बोलचाल की भाषा में नबीद या मावलिद भी कहते हैं। आइए जानते हैं कि ईद-ए-मिलाद भारत में कब मनाया जाएगा?

loksabha election banner

भारत में 30 अक्टूबर को है ईद-ए-मिलाद

इस वर्ष इस्लामिक कैलेंडर के तीसरे माह रबी अल-अव्वल माह का प्रारंभ 19 अक्टूबर से हुआ है। उस दिन रबी अल-अव्वल माह का पहला दिन ​था। सुन्नी संप्रदाय ईद-ए-मिलाद रबी अल-अव्वल माह के 12 दिन को मनाता है, वहीं शिया संप्रदाय के लोग ईद-ए-मिलाद इस माह के 17वें दिन मनाते हैं।

इस वर्ष ईद-ए-मिलाद सऊदी अरब में 29 अक्टूबर को मनाया जाएगा, वहीं भारत में 30 अक्टूबर को मनाया जाएगा। इसके अलावा पाकिस्तान, बांग्लादेश और श्रीलंका में भी 30 अक्टूबर को ईद-ए-मिलाद मनेगा।

ईद-ए-मिलाद का जश्न

ईद-ए-मिलाद के दिन मुस्लिम समुदाय के लोग नए कपड़े पहनते हैं, नमाज पढ़ते हैं और एक दूसरे को तोहफा देते हैं। इस दिन दावत भी दी जाती है। इसके अलावा पैगंबर मोहम्मद की याद में जुलूस निकालते हैं। हालांकि इस वर्ष कोरोना महामारी के कारण सभी त्योहार थोड़े फीके हो गए हैं। लोग कोरोना से बचाव के लिए निर्धारित दिशानिर्देशों का पालन कर रहे हैं।

ईद-ए-मिलाद का महत्व

ईद-ए-मिलाद को पैगंबर मोहम्मद की पुण्यतिथि के रुप में भी मनाया जाता है। यह शुरू में मिस्र में आधिकारिक उत्सव के तौर पर मनाया जाता था, लेकिन बाद में 11वीं शताब्दी में लोकप्रिय हो गया। उस समय में शिया समुदाय के शासक ही इस त्योहार को मनाते थे, आम लोग इसे नहीं मनाते थे। 12वीं सदी में तुर्की, सीरिया, मोरक्को और स्पेन में भी यह त्योहार मनाया जाने लगा। इसके बाद से सुन्नी समुदाय के लोग भी ईद-ए-मिलाद का उत्सव मनाने लगे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.